Panchtantra: भारत के ऐतिहासिक ग्रंथों की बात होने पर महाभारत, रामायण, गीता और कौटिल्य के अर्थशास्त्र के बारे में जिक्र होता है। ये भारत के ऐसे Classic Literatures हैं जो हमारे origin से लेकर हमारे होने का सार बतातें हैं। लेकिन एक Literature ऐसा भी है, जिसकी कहानियां तो हम सभी ने कभी न कभी जरूर सुनी होगी। पर ये कहानियां आई कहां से, किसने लिखी और कब लिखी गई। इसके बारे में शायद ही कोई जानता होगा। ये किताब है पंचतंत्र। आज की अनसुनी गाथा पंचतंत्र किताब पर
अद्भुत भारतीय साहित्य
पंचतंत्र भारत के Classic Literatures में से एक है। ये लिटरेचर 84 कहानियों का एक शानदार कलेक्शन है। इसमें ऐसी कहानियां हैं जिसे 3 साल के एक बच्चे से लेकर किसी भी उम्र के बड़े तक को आसानी से सुनाई और समझाई जा सकती है। पंचतंत्र की कहानियां मोरल वैल्यूज को सिखाने का बेस्ट तरीका है। कुछ रिसर्च तो ये भी कहते हैं कि जिस Mind Palace Technique का इस्तेमाल आजकल एजुकेशन के फील्ड में मेमोरी बढ़ाने के लिए हो रहा है। उसका इस्तेमाल इस किताब में 23 सौ साल पहले ही किया जा चुका है।
किसकी रचना है पंचतंत्र?
पंडित विष्णु शर्मा ने पंचतंत्र (Panchtantra) को लिखा है। उन्हें इतिहास का दूसरा चाणक्य भी कहा जाता है। जितनी दिलचस्प इस किताब की कहानियां है उतनी ही दिलचस्प इसके क्रिएशन यानी कि इसे लिखने की कहानी है। पंडित विष्णु शर्मा ने राजा अमरशक्ति के पुत्रों को शिक्षा देने के लिए इस किताब को लिखा था। इस किताब को किस डेट पर लिखा गया था इसका जिक्र तो कहीं नहीं हुआ है। लेकिन कहा जाता है कि इसे 2300 साल पहले लिखा गया था।
पंचतंत्र की रचना के पीछे की कहानी
बात 2300 साल पुरानी है। दक्षिण भारत में महिलारूप्य नाम का एक राज्य था। इसके शासक थे अमरशक्ति अमरशक्ति के 3 बेटे थे। अनंतशक्ति, बाहूशक्ति और उग्रशक्ति। ये तीनों राजकुमार का मन पढ़ने में नहीं लगता था। शिक्षा-दीक्षा कमजोर होने की वजह से राजा अमरशक्ति काफी परेशान रहते थे। उन्हें अपने राज्य के लिए एक बुद्धिमान और कुशल उत्तराधिकारी की जरूरत थी। इसी समय महिलारुप्य राज्य में एक विद्वान थे पंडित विष्णु शर्मा। राजा ने उन्हें अपने उत्ताराधिकारी की चिंता बताई और पंडित विष्णु शर्मा से मदद मांगी। पंडित विष्णु शर्मा ने राजा से 6 महीने का समय मांगा और तीनों राजकुमारों को अपने साथ आश्रम ले आए। पंडित विष्णु शर्मा ने वेद-पुराण और नीति शास्त्रों को समझाने के लिए एक फॉर्मूला क्रिएट किया। यही फॉर्मूला कहलाया पंचतंत्र।
अनोखी कहानियाों वाला पंचतंत्र
पंचतंत्र (Panchtantra) में बोलने वाले जानवर, एक्साइटिंग ट्वविस्ट और कहानियां थी। अनोखी कहानियों वाला ये पंचतंत्र राजकुमारों को जीवन के बड़े-बड़े पाठ सिखा गया। पंडित विष्णु शर्मा ने पॉलिटिक्स, एग्रीकल्चर, मोरल वैल्यूज, इकोनॉमिक्स जैसे कठिन लेसन्स को कहानियों में पिरोकर आसानी से समझा दिया। राजकुमारों को काबिल बनाने की अपनी जिम्मेदारी को पंडित विष्णु शर्मा ने बखूबी निभाया।
5 वॉल्युम में बंटी है किताब
इस इपिक लिटरेचर में 84 कहानियां 5 वॉल्युम्स में डिवाइडेड है। हर वॉल्युम का अपना एक थीम है। इस बुक के स्ट्रक्चर को काफी बारिकी से तैयार किया गया है। इसमें एक कहानी दूसरी कहानी से दूसरी कहानी तीसरी से आपस में जुड़ी हुई है जो आपको किसी सीरीज की तरह बांधकर रखेगी।
- “Mitra-labha or Mitra-samprapti”: मित्र प्राप्त करना
- “War and Peace’s “Kakolookiyam”: युद्ध और शांति नीति
- “Apariksitakarakam”: गैर-जिम्मेदार व्यवहार/उतावला व्यवहार”
- Loss of Gains”- लाभ और हानि के सिद्धांत
- “Mitra-bheda”: दोस्तों का अलगाव,
दुनियाभर में पंचतंत्र काफी पॉपुलर है। 100 से ज्यादा लैंग्वेजेस में इसका ट्रांसलेशन मौजूद है। कुछ ऐतिहासिक साहित्यों में पंचतंत्र को भारत का अमृत भी कहा गया है।
Positive सार
इस बात में कोई दोराय नहीं कि भारत में रची गयी पंचतंत्र भारतीय साहित्य का एक Classic Creations है। ये आज हिन्दी साहित्य के साथ ही वर्ल्ड लिटरेचर की सबसे खास रचना है। 2300 साल बाद भी आज की जनरेशन से सीधे कनेक्ट करने वाली पंचतंत्र (Panchtantra) के कीमती होने का अंदाजा कोई भी लगा सकता है। तो क्या आप हमें कमेंट कर बता सकते हैं कि पंचतंत्र कहानियों में आपकी पसंदीदा कौन सी है?