Jashpur Tourism
क्या आप इस विंटर वेकेशन किसी ऐसी जगह जाना चाहते हैं जहाँ भीड़ कम हो, जेब पर बोझ न पड़े और प्रकृति अपनी पूरी भव्यता के साथ आपका स्वागत करे? एक ऐसी जगह जिसे ‘छत्तीसगढ़ का छोटा शिमला’ कहा जा सकता है, जहाँ बादलों के बीच से सूरज उगता है और हवाओं में चाय के बागानों की खुशबू घुली होती है। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं जशपुर की।
जलप्रपातों का सफर
Jashpur Tourism
जशपुर की पहचान यहाँ के दूधिया जलप्रपात हैं। हमारी यात्रा शुरू होती है मकरभंजा जलप्रपात से, जो ज़िले के सबसे ऊँचे वाटरफॉल्स में से एक है। यहाँ की भव्यता देखने के लिए आपको थोड़ी ट्रैकिंग करनी होगी, लेकिन ऊपर से गिरते पानी का दृश्य आपकी सारी थकान मिटा देगा। रोमांच के शौकीनों के लिए डंगरी जलप्रपात बेस्ट है, जहाँ पहुँचने के लिए घने जंगलों के बीच दो छोटे नालों को पार करना पड़ता है। वहीं, अगर आप परिवार के साथ पिकनिक मनाना चाहते हैं, तो ऐतिहासिक मान्यताओं वाला रानीदाह और अपनी प्राकृतिक सुंदरता व कैंपिंग के लिए मशहूर राजपुरी जलप्रपात बेहतरीन विकल्प हैं।
रोमांचक गुफाएँ और व्यू-पॉइंट्स
जशपुर सिर्फ पानी का ही नहीं, बल्कि ऊँची चोटियों का भी ज़िला है। एडवेंचर लवर्स को खुड़ियारानी गुफा ज़रूर जाना चाहिए। कोरवा जनजाति की आस्था का केंद्र यह गुफा अंदर से काफी सँकरी है, जहाँ टॉर्च लेकर जाना एक जादुई अनुभव होता है। इसके बाद आप कैलाश गुफा का रुख कर सकते हैं, जहाँ का शांत वातावरण और घुमावदार घाट सेक्शन आपको किसी हिल स्टेशन का अहसास कराएंगे। फोटोग्राफी के शौकीन देशदेखा व्यू-पॉइंट को मिस न करें, जहाँ से पूरी घाटी का पैनोरमिक नज़ारा दिखता है। बगीचा तहसील का यह पूरा इलाक़ा इतना हरा-भरा है कि इसे जशपुर का ‘गार्डन ज़ोन’ कहा जाता है।
Jashpur Tourism
क्या आपको पता है कि छत्तीसगढ़ में भी विश्वस्तरीय चाय की खेती होती है? जी हां जशपुर के सोगड़ा और सारूडीह के चाय बागान आपको असम या दार्जिलिंग की याद दिला देंगे। विंटर की सुबह यहाँ टहलना और ताज़ी चाय की चुस्की लेना एक अनमोल अनुभव है। वहीं प्रकृति प्रेमियों के लिए बादलखोल अभयारण्य किसी जन्नत से कम नहीं, जहाँ आप साल-सागौन के वनों में हिरण, सांभर और स्लॉथ बियर जैसे वन्यजीव देख सकते हैं। अगर आप बच्चों के साथ हैं, तो मधेस्वर नेचर पार्क एक सुविधाजनक और सुंदर आउटिंग स्पॉट है।
जशपुर की गौरवशाली विरासत
कुनकुरी में स्थित कैथेड्रल ऑफ आवर लेडी ऑफ द रोजरी भारत के सबसे बड़े चर्चों में से एक है, जिसकी वास्तुकला मंत्रमुग्ध कर देती है। वहीं, आध्यात्मिक शांति के लिए आप सोगड़ा आश्रम जा सकते हैं। इतिहास में रुचि रखने वालों के लिए ‘लिखा पत्थर’ एक अनूठी जगह है, जहाँ प्राचीन शैलचित्र हज़ारों साल पुराने इंसानी इतिहास की गवाही देते हैं।
इस यात्रा का सबसे बड़ा आकर्षण है मधेश्वर महादेव। मयाली गाँव में स्थित यह विशाल प्राकृतिक शिवलिंग 25 फीट ऊँचा है, जिसका नाम ‘गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में दर्ज है। इसे ‘कैलाश मानसरोवर’ के समान पवित्र माना जाता है। इसी के पास स्थित है मयाली नेचर कैंप, जो नए साल के सेलिब्रेशन के लिए जशपुर का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट है। यहाँ आप वाटर स्पोर्ट्स, बोटिंग और डैम के किनारे कैंपिंग का आनंद ले सकते हैं। खुले आसमान के नीचे तारों को निहारते हुए रात बिताना यहाँ का सबसे यादगार अनुभव है।

