Giraudpuri Dham: छत्तीसगढ का गिरौदपुरी धाम सतनाम पंथ का प्रमुख धामहै। ये धाम छत्तीसगढ़वासियों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। ऐसा इसलिए क्योंकि गिरौदपुरी बाबा गुरुघासीदास की जन्मस्थली और तपोभूमि है। यही वजह है कि गिरौदपुरी में दुनिया का सबसे ऊंचा जैतखाम बनाया गया है, जो भव्य होने के साथ ही इंजीनियरिंग का करिश्मा भी कहलाता है। ये मोन्यूमेंट अपनी संरचना के चलते बेहद शानदार है और इसकी ऊंचाई दिल्ली की कुतुब मीनार से भी ज्यादा है।
सतनाम धर्म का पवित्र स्थल गिरौदपुरी धाम
क्या आप जानना चाहते हैं कि कैसे गिरौदपुरी बना सतनाम पंथ का तीर्थ इसके साथ ही अगर आप इस स्थल के सभी पवित्र स्थलों के बारे में जानना चाहते हैं तो ये आर्टिकल आपको सारी जानकारी विस्तार से देगा। गिरौदपुरी धाम छत्तीसगढ़ की आत्मा और सतनाम धर्म का पवित्र स्थल है। यहाँ गुरुघासीदास जी की साधना और उनके सत्य, अहिंसा, क्षमा, करुणा और दया के संदेश ने इस धाम को एक विश्वविख्यात धार्मिक स्थल का स्वरूप दिया है। यहां हर साल फाल्गुन पंचमी से सप्तमी तक मेले का आयोजन किया जाता है।
गिरौदपुरी धाम मेले का इतिहास
गिरौदपुरी धाम के मेले के इतिहास की तरफ देखें तो इसकी शुरुआत सन 1935 में गुरु वंशज जगतगुरु अगमदास जी के मार्गदर्शन में हुई थी। पहले यह मेला गुरुघासीदासजी की जयंती पर आयोजित होता था, लेकिन बाद में इसे फाल्गुन पंचमी से सप्तमी तक आयोजित किया जाने लगा। यह मेलाअब विश्वविख्यात हो चुका है और यहाँ लगभग15 लाख से अधिक श्रद्धालु आते हैं।
यह आयोजन लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करताहै,जो अपनी आस्था और श्रद्धा के साथ यहाँ आतेहैं। गिरौदपुरी का महत्व केवल सतनाम धर्म तक सीमित नहीं है, बल्कि यह विश्व शांति और समता का संदेश भी देता है। ऐसे में अगर आप भी गिरौद पुरी धाम के दर्शन के लिए जाना चाहते हैं तो इन जगहों पर भी आपको गुरूघासीदास की आध्यात्मिक शांति को महसूस करने का मौका मिलेगा।
मुख्यगुरुगद्दी
यह स्थान गिरौदपुरी से 2 किमी दूर पहाड़ी परस्थितहै। यहीं गुरु घासीदास जी ने छह महीने की कठोर तपस्या के बाद सतनाम का आत्मज्ञान प्राप्त किया था। इसे तपो भूमि के नाम से भी जाना जाता है। श्रद्धालु यहाँ आकर अपनी मनोकामनापूर्ण होने की प्रार्थना करते हैं।
चरण कुण्डऔरअमृतकुण्ड
चरण कुण्ड वह स्थान है, जहाँ गुरु घासीदास जी ने अपने चरण धोए थे। इसका जल पवित्र और रोग-निवार कमाना जाता है। अमृतकुण्ड, चरण कुण्ड से थोड़ी दूरी पर स्थित है और इसका जल कभी खराब नहीं होता। यह कुण्ड मानवता और जीव-जंतुओं के कल्याण का प्रतीक है।
विश्व का सबसे ऊंचा जैत खाम
गिरौदपुरी में स्थित सफेद रंग का जैत खाम छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा निर्मित है। ये जैत खाम सतनाम पंथ की अद्वितीय पहचान और विजय कीर्ति का प्रतीक है। यह केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि शांति, एकता और भाईचारे का संदेश देने वाला भव्य स्मारक है। इसकी ऊंचाई 77 मीटर यानी कि 243 फीट है और ये कुतुब मीनार से भी ऊंचा है, जो इसकी भव्यता को और बढ़ाताहै।
जैत खाम की विशेषता
जैत खाम की विशेष संरचना इसे दूसरे जैतखामों से अलग और विशेष बनाती है। इसके ऊपर तक पहुंचने के लिए स्पायरल सीढ़ियों का निर्माण किया गया है, जो पर्यटकों को एक अद्भुत अनुभव प्रदान करतीहैं। लिफ्ट की सुविधा इसे और भी सुविधा जनक बनाती है। जैत खाम में सात बालकनियां बनाई गई हैं। जहां से पर्यटक प्रकृति की अनमोल छटा का आनंद ले सकते हैं। इसकी ऊंचाई से चारों ओर फैले खेत, पहाड़ और नदियों का दृश्य मंत्रमुग्ध कर देने वाला होता है।
पंचकुण्डी और छाता पहाड़
पंचकुण्डी, पाँच अलग-अलग कुण्डों का समूह है, जहाँ श्रद्धालु जलपान करते हैं। छाता पहाड़ जंगल के बीच स्थित एक विशाल शिला है, जहाँ गुरुघासीदास जी ने तपस्या की थी।
जन्मभूमि और माता सफुरा मठ
गुरु घासीदासजी की जन्मभूमि गिरौदपुरी बस्ती में स्थित है। उनके माता-पिता और भाई-बहनों का भी यही जन्मस्थान है। जन्मभूमि के निकट मातासफुरा मठ और तालाब है, जहाँ उनकी मातानेध्यान कियाथा।
इन सबके अलावा गिरौदपुरी धाम का प्राकृतिक सौंदर्य, घने जंगलों, ऊँचे पहाड़ों और शांतिपूर्ण वातावरण से घिरा हुआ है। यहाँ का हरचट्टान, हर पेड़ और हर धारा गुरुघासीदास जी की तपस्या और सतनाम के संदेश की गवाही देती है। ये स्थान न केवल धार्मिक, बल्कि पर्यावरणीय दृष्टि से भी अद्वितीय है।
कैसे पहुंचे?
अगर आप भी गुरू घासीदास के संदेशों को आत्मसात करना चाहते हैं तो आपको गिरौदपुरी धाम पहुंचना होगा इसके लिए रायपुर निकटतम हवाई अड्डा है, जो देश के विभिन्न प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। रेलमार्ग में रायपुर और बिलासपुर प्रमुख जंक्शन हैं। सड़क मार्ग से भी गिरौदपुरी आसानी से पहुँचा जा सकताहै।
Positive सार
गिरौदपुरी धाम केवल सतनाम धर्म के अनुयायियों के लिए नहीं, बल्कि हर धर्म, जाति, और संस्कृति के लोगों के लिए है। यहाँकी पवित्रता, गुरु घासीदासजी के उपदेश और प्राकृतिक सौंदर्य हर किसी के मन को शांति प्रदान करते हैं। यह धाम मानवता, समता और शांति का संदेश देता है। गिरौदपुरी धाम के दर्शन न केवल हमारी आस्था को सुदृढ़ करते हैं, बल्कि हमें जीवन जीने के नए आदर्श और गुरुघासीदास जी की शिक्षाओं और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
यहां देखें वीडियो- https://youtu.be/JPcSfk83Cfs