देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ की नई विधानसभा (New Chhattisgarh Assembly Building) का भव्य उद्घाटन किया। यह अवसर केवल एक नए भवन के लोकार्पण (Inauguration of New Assembly Building) का नहीं, बल्कि राज्य के 25 वर्षों की लोकतांत्रिक यात्रा (Silver Jubilee of Chhattisgarh Legislative Assembly) के उत्सव का भी प्रतीक है।
1 नवंबर 2000 यह तारीख सिर्फ कैलेंडर का एक दिन नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के आत्मसम्मान और लोकतांत्रिक अस्तित्व का जन्मदिन है।दशकों के संघर्ष के बाद जब मध्यप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2000 (Madhya Pradesh Reorganisation Act, 2000) पारित हुआ और तत्कालीन राष्ट्रपति महामहिम के.आर. नारायणन जी की स्वीकृति से छत्तीसगढ़ भारत के 26वें राज्य (26th State of India) के रूप में अस्तित्व में आया, तब से एक नए युग की शुरुआत हुई — लोकतंत्र और छत्तीसगढ़िया अस्मिता के युग की।
स्थापना से स्थायित्व तक: लोकतंत्र का अनुशासन और परंपरा
छत्तीसगढ़ विधानसभा ने 25 वर्षों में Parliamentary Discipline और Democratic Values का अनोखा उदाहरण पेश किया है।
यह देश का एकमात्र राज्य है जहां अब तक अनुच्छेद 356 (President’s Rule) लागू नहीं हुआ — जो इस प्रदेश की राजनीतिक स्थिरता और लोकतांत्रिक परिपक्वता का प्रतीक है।
यहां लागू “स्वयमेव निलंबन नियम (Automatic Suspension Rule)” एक अनुशासनात्मक नवाचार है — यदि कोई सदस्य अध्यक्ष की आसंदी तक पहुंचता है, तो वह स्वतः निलंबित माना जाता है।
तीन राष्ट्रपतियों का गौरवपूर्ण संबोधन (Three Presidents’ Address to Chhattisgarh Assembly)
छत्तीसगढ़ विधानसभा भारत की पहली विधानसभा बनी, जहां तीन राष्ट्रपतियों ने सदन को संबोधित किया —
- डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम (2004): ‘Viksit Bharat 2020’ का Vision साझा किया।
- श्रीमती प्रतिभा पाटिल (2011): राज्य की समावेशी नीतियों की प्रशंसा की।
- महामहिम द्रौपदी मुर्मु (2025): विधानसभा के 25 वर्षों की गौरवगाथा को सराहा और “छत्तीसगढ़िया सबसे बढ़िया” भावना को लोकतंत्र का मॉडल बताया।
नया विधानसभा भवन: Modern Architecture & Digital Democracy का प्रतीक
1 नवंबर 2025 को छत्तीसगढ़ की Silver Jubilee Celebration के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए विधानसभा भवन (New Assembly Building) का लोकार्पण किया।
यह उद्घाटन सिर्फ एक भवन का नहीं, बल्कि Digital Governance & Modern Legislative Infrastructure का था।
मुख्य विशेषताएं (Key Features):
- क्षेत्रफल: 50 एकड़ भूमि में 6 लाख वर्गफुट निर्माण।
- विंग्स: सचिवालय, मुख्यमंत्री-अध्यक्ष कार्यालय, और मंत्रिपरिषद विंग।
- आकृति: “धान का कटोरा (Rice Bowl of Chhattisgarh)” की डिज़ाइन — राज्य की पहचान को दर्शाती है।
- सस्टेनेबिलिटी: 300KW सौर ऊर्जा पैनल, ऊर्जा दक्ष भवन।
- Technology Integration:
- National e-Vidhan (NeVA) प्रणाली के तहत Paperless Working।
- One Desk Legislator Model — हर विधायक के डेस्क पर E-Voting, Digital Panel, USB Ports, Fast Internet।
यह भवन Modern Architecture, Sustainability और Cultural Heritage का अद्भुत संगम है — “Made in Chhattisgarh” की भावना को साकार करता है।
छत्तीसगढ़: Democracy with Culture, Development with Dignity
25 वर्षों की यात्रा में छत्तीसगढ़ विधानसभा ने यह सिद्ध किया है कि जब लोकतंत्र संस्कृति से जुड़ता है, तब विकास केवल योजनाओं में नहीं, बल्कि जन-जन के जीवन में उतरता है।
यहां कभी बिना चर्चा के बजट पारित नहीं हुआ, कभी सदन की गरिमा भंग नहीं हुई, और कभी लोकतंत्र का संतुलन नहीं टूटा।
यही कारण है कि आज Chhattisgarh Assembly को Model Legislature of India कहा जाता है।

