महिलाएं बन रही हैं कृषि का आधार, जानें महिलाओं की भागीदारी से कैसे बेहतर हो रही है अर्थव्यवस्था



परंपरिक रूप से महिलाओं को कृषि के क्षेत्र में भले ही सिर्फ हेल्पिंग हेंड्स की तरह ही देख गया हो लेकिन पिछले कुछ दशकों ने महिलाओं ने अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है। फिर चाहे वो अंतरिक्ष विज्ञान की बात हो या फिर कृषि का क्षेत्र।

हाल ही में फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन की द स्टेटस ऑफ वीमेन इन एग्रो फूड सिस्टम्स रिपोर्ट में यह कहा गया है कि “कृषि उत्पादकता में लिंग अंतर और कृषि खाद्य प्रणालियों में मजदूरी के अंतर को बंद करने से वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में 1% या लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर की तेज वृद्धि दिखाई देगी।”

अध्ययन के मुताबिक “इससे वैश्विक खाद्य असुरक्षा में लगभग 2 प्रतिशत अंकों की कमी भी आ सकती है। खाद्य-असुरक्षित लोगों की संख्या में 45 मिलियन की कमी की बात भी इस रिपोर्ट में कही गई है।”

विश्व खाद्य कार्यक्रम की रिपोर्ट

विश्व खाद्य कार्यक्रम के मुताबिक, इस साल 2020 के मुक़ाबले भुखमरी का सामना करने वालों की संख्या बढ़ सकती है। लेकिन रिपोर्ट में इस बात की तरफ भी इशारा किया गया है कि अगर कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाई जाए तो इस समस्या से निपटना आसान हो सकता है।

इस पर बात करते हुए एफएओ में समावेशी ग्रामीण परिवर्तन और लैंगिक समानता प्रभाग के उप निदेशक लॉरेन एम. फिलिप्स के एक अखबार में छपे साक्षात्कार के अनुसार “सतत और लचीला कृषि खाद्य प्रणालियां समानता पैदा करने और महिलाओं को सशक्त बनाने में अंतर को कम करने पर ही निर्भर है।”

महिलाएं पुरुषों के सात कृषि क्षेत्र में मिला रही हैं कंधा

अध्ययन के मुताबिक ये बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि कई देशों में पुरुषों की तुलना में कृषि खाद्य प्रणाली महिलाओं की आजीविका के लिए अहम हैं। एक वैश्विक रिपोर्ट के अनुसार अफ्रीका में, 60% पुरुषों की तुलना में दो-तिहाई महिलाएं कृषि के क्षेत्र में कार्यरत् हैं। दक्षिण एशिया में भी कृषि क्षेत्र में महिलाओं की उपस्थिति पुरुषों के बराबर ही हैं।

भारत में कृषि क्षेत्र में महिलाएं

भारत में महिलाएं कृषि प्रौद्योगिकी से जुड़कर बेहतर काम कर रही हैं। महिलाएं कृषि उद्यमी बनकर उभरी हैं। वेदांता की 2022 के रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण भारत की 70 फीसदी महिलाएं कृषि क्षेत्र से जुड़ी हुई हैं। महिलाओं के लिए कृषि खाद्य प्रणाली को बेहतर बनाकर, हम उन्हें अधिक समावेशी, अधिक टिकाऊ, अधिक लचीला बनाने की दिशा में काम कर सकते हैं।

Avatar photo

Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

ALSO READ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *