Soil Health Card Scheme: भारत में कृषि क्षेत्र तेजी विकास की तरफ आगे बढ़ रहा है। आजकल खेती के क्षेत्र में हो रहे नवाचार खेती को नई दिशा दे रहे हैं। खेती को नई ऊंचाई देने में किसान अहम भूमिका निभा रहे हैं। जिन्हें कृषि योजनाओं का सहयोग मिल रहा है। भारत सरकार की ऐसी ही एक कृषि योजना मृदा स्वास्थ्य कार्ड स्कीम (Soil Health Card Scheme) किसानों को काफी लाभ पहुंचा रही है। इसके तहत किसानों के खेत की मिट्टी की जांच करके उन्हें मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिया जा रहा है। इस कार्ड से किसान ये पता कर सकते हैं कि फसल से सही उत्पादन के लिए मिट्टी में क्या-क्या चीज कितनी मात्रा में जरूरत है।
देश के अलग-अलग हिस्सों में सरकार की इस स्कीम का लाभ किसान ले पा रहे हैं। अगर बात करें हरियाणा सरकार की तो ‘हर खेत-स्वस्थ खेत’ अभियान के तहत हरियाणा मे 4 साल में 75 लाख मिट्टी के सैंपल जमा करके उनकी जांच करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसके बाद किसानों को हर एकड़ जमीन के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी हो रहे हैं।
इसकी सबसे खास बात ये है कि किसानों की मिट्टी की जांच में सरकार की मदद कर रहे हैं स्कूल और कॉलेज के छात्र। सरकार के इस कदम से छात्र कुछ नया सीखने के साथ-साथ अपनी पॉकेट मनी भी ले पा रहे हैं।
एक अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा की सरकार ने मिट्टी की जांच के काम को सीधा स्कूल-कॉलेजों से जोड़ा है। इसमें खुद स्टूडेंट सॉइल टेस्टिंग के प्रोफेशन से जुड़ रहे हैं। सरकार के इस नवाचार से बच्चों को लर्निंग और कुछ पैसों की अर्निंग दोनों हो रही है। इस तरीके से साल 2022-23 में हरियाणा ने करीब 30 लाख नमूने इकट्ठे हुए हैं, जो साल 2015-2020 से 8 गुना तक ज्यादा है।
किसान सहायकों और स्टूडेंट्स को मिट्टी की जांच के लिए हर सैंपल पर 40 रुपये का स्टाइपेंड दिया जाता है। इस अभियान के तहत हर विद्यार्थी अपनी गांव से ही मिट्टी के सैंपल इकट्ठा करके उनकी जांच में किसानों की मदद कर रहे हैं।