Specialty of Javaphool: अगर आप भारत के उन राज्यों से हैं जहां पर चावल की खेती भरपूर मात्रा में होती है तो आप जवाफूल चावल के बारे में जरूर जानते होंगे। इसके स्वाद और सुगंध की पहचान भारत के अलावा विदेशों में भी है। तो क्या आप जानते हैं चावल की ये किस्म भारत में कहां होते हैं। दरअसल जवाफूल चावल छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले का एक सुगंधित, पतला, छोटे दाने वाला धान का किस्म है जिसे जीराफूल भी कहते हैं।
छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्र से संबंधित
धान का कटोरा कहलाने वाले छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में जवाफूल चावल उगाए जाते हैं। ये चावल सामान्य और सुगंधित होते हैं जिसका स्वाद आपको चावल खाने का एक अद्भुत एक्सपीरियंस देगा। यहां के चावल की डिमांड बहुत ज्यादा है। चावल की यह पारंपरिक किस्म आदिवासी किसानों द्वारा जंगल में साफ स्थानों में उगाई जाती है।
जवाफूल चावल की खासियत
जवाफूल चावल (Javaphool Rice) की डिमांड काफी ज्यादा है जिसकी वजह है ये पकने पर नरम होता है। हल्के सुगंध वाले इस चावल को रोजाना खाया जा सकता है। इस चावल से बिरयानी, पुलाव, खीर और किसी भी प्रकार की रेसिपी बनाई जा सकती है।
छत्तीसगढ़ की पहचान
दुनिया में अपनी खुशबू और स्वाद के लिए पहचाने जाने वाले जवाफूल चावल छत्तीसगढ़ से लेकर देशभर में अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अच्छी क्वालिटी के कारण देश के कई कोनों में इसकी सप्लाई हो रही है। दंतेवाड़ा जिले के किसान बासमती की खुशबू को टक्कर देने के लिए जवाफूल चावल अधिक मात्रा में उगा रहे हैं।
जवाफूल चावल के कई हेल्थ से जुड़े लाभ
- जवाफूल चावल (Javaphool Rice) में सेलेनियम और जिंक जैसे आवश्यक पोषक तत्व अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं।
- दूसरे सफेद चावल की तुलना में इसमें कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, इसलिए इसमें शुगर न के बराबर पाई जाती है।
- ये बिना कोलेस्ट्रोल का होता है।
- संतुलित आहार के एक्सपर्ट्स सुझाते हैं।
- डाइजेशन में आसान।
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Positive सार
जवाफूल चावल (Javaphool Rice) अपने स्वाद, टेक्सचर और हेल्दी गुणों की वजह से दुनियाभर में काफी डिमांड में है। छत्तीसगढ़ में जवाफूल के अलावा दुबराज, बादशाह, तरुण भोग समेत धान की 16 प्रमुख सुगंधित किस्में उगाई जाती है। छत्तीसगढ़ में धान की 23,450 प्रजातियां हैं, इसमें कई सुगंधित और दुर्लभ धान आते हैं।