Solar Pump: सोलर पैनल ऑन व्हील्स कर रहा है किसानों की मुसीबत दूर, जानें कैसे!



Solar Pump: देश के कई इलाकों में किसान सिंचाई के लिए मौसम पर निर्भर रहना पड़ता है, जिसकी वजह से कई बार किसानों को जरूरत के समय पानी नहीं मिल पाता है। किसानों की सिंचाई से जुड़ी इस समस्या को दूर करने के लिए प्रदीप नाम के एक किसान ने सोलर पैनल ऑन व्हील्स नाम का एक सॉल्युशन खोज दिया। यह सोलर पैनल एक ट्रॉली की तरह काम करता है, जिसमें सोलर पैनल पहले से फिट होता है और इसे कहीं भी आसानी से लाने ले जाने का कार्य किया जा सकता है।

सोलर से बिजली के सहारे सिंचाई कर पा रहे हैं किसान

इस ट्रॉली पर सोलर पैनल फिट करने के लिए इसमें फ्रेम पहले से लगाए गए हैं। उनमें सोलर पैनल आसानी से फिट कर इसे धूप में खड़ा किया जा सकता है जो तुरंत ही बिजली बनाने का काम करती है। प्रदीप कुमार के सोलर ऑन व्हील्स इनोवेशन से सोलर पैनल चोरी होने या टूटने फूटने की घटनाएं भी काफी हद तक कम हुई है। प्रदीप कुमार ने अब तक 2000 से अधिक सोलर ट्रॉली तैयार कर किसानों की मदद की है। पूरे देश के कई इलाके में किसान इस तरह की सोलर 
ट्रॉली को खरीद कर अपनी जरूरत के वक्त खेतों में रखते हैं और जरूरत पूरी हो जाने पर अपने घर में रखकर इससे बिजली उत्पादन कर रहे हैं।

राजस्थान के एक किसान का कहना है कि, किसानों के लिए सोलर ऑन व्हील्स एक वरदान की तरह है। इसे किसी भी जगह पर रखकर बिजली पैदा की जा सकती है। Solar On Wheels के एक ट्रॉली की कीमत ₹48,000 है जिसे किसान खरीद सकते हैं। किसानों के लिए सबसे अच्छी बात यह है कि इस सोलर ट्रॉली की मदद से उनका पैनल चोरी होने से बच जाता है। किसान वह जब चाहें इसे अपने खेत पर ले जा सकते हैं और इससे बिजली पैदा कर अपने खेत की सिंचाई कर इसे वापस घर पर ला सकते हैं।

साल 2009 में शुरू किया था बिजनेस

साल 2009 में प्रदीप कुमार ने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन बिजनेस की शुरूआत की थी। जब प्रदीप कुमार ने अपने गांव में ही इस काम को शुरू किया तो किसानों की समस्या यह थी कि उनके खेत से सोलर पैनल चोरी होने का डर सताता था, किसानों के खेत से सोलर पैनल चोरी होने लगे तब उन्होंने कहा कि उन्हें इसके बदले सोलर पैनल होने चाहिए.। इसके बाद प्रदीप ने इसका समाधान निकालने की बात सोची और उन्होंने solar on wheels को बनाया।

अगर किसी किसान के पास ट्रैक्टर की सुविधा भी नहीं है तो प्रदीप की बनाई गई इस सोलर पैनल को बाइक से भी खींचकर खेतों तक पहुंचाया जा सकता है।

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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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