• बीड की महिलाओं ने मूंग की खेती कर कायम की मिसाल
• SHG ग्रुप से बढ़ी है आमदनी
• 40 महिलाओं का समूह कर रहा है खेती
SHG: महाराष्ट्र का एक गांव सिंधी खेती को लेकर इन दिनों चर्चा में है। दरअसल यहां की महिलाएं सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाकर अपने नए जीवन का आगाज कर चुकी हैं। ये कहानी है महाराष्ट्र के बीड जिले की, जहां कभी महिलाएं या तो घर के काम ही करती थीं या फिर गन्ने के खेतों में मजदूरी। लेकिन आज यहां की तस्वीर बदल चुकी है।
दिलचस्प है पूरी कहानी
महाराष्ट्र का यह क्षेत्र सूखा पीड़ित क्षेत्र की गिनती में आता है। यही वजह है कि यहां के लोगों को आजिविका के लिए दूसरे राज्यों का रूख करना पड़ता था। कुछ साल पहले यहां की महिलाओं को एक संस्था की तरफ से जानकारी और खेती की सही तकनीक की ट्रेनिंग दिलवाई गई। मौसम और मिट्टी के हिसाब से मूंग की खेती के लिए इस गांव की जमीन उपयुक्त पाई गई। बस फिर क्या था गांव की 40 महिलाओं ने खेती की राह चुन ली। आज ये महिलाएं Moong Farming और मूंग दाल बेचकर 50 से ₹60,000 रुपए महीने तक कमा रही हैं, जिससे इनका जीवन बदल गया है।
सिंधी गांव की ये 40 महिलाएं न सिर्फ मूंग की खेती करती हैं, बल्कि अपने समूह के साथ मिलकर घर पर ही मूंग की तीन तरह की दाल बनाती हैं और उसे बाजार में सीधे ग्राहकों को बेच रही हैं। प्रोडक्शन से लेकर मार्केटिंग तक सबकुछ यही महिलाएं कर रही हैं।
इस सेल्फ हेल्प ग्रुप की एक सदस्य शीला मूले कहती हैं कि उनके द्वारा उगाई जा रही दाल केमिकल फ्री है। इस दाल को खाने से ब्लड शुद्ध होगा और बीमारी से लोग बचेंगे।
एक और सदस्य सागरिका का कहना है कि “पहले हमें घर से बाहर निकलना मुश्किल होता था, लेकिन हमारे ग्रुप ने हमें आत्मविश्वास दिया है। जब से हमने सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाया है तब से हम खेती से लेकर उसके मार्केटिंग और बाजार तक की जानकारी रखते हैं। हमने बहुत कुछ सीखा है। अब हमें दूसरे राज्यों में गन्ना काटने नहीं जाना पड़ता है। हमारी अपनी अलग पहचान है। वहीं हमारी आमदनी इतनी अच्छी हो रही है कि हम परिवार का कमाने वाला हिस्सा बन गए हैं। हमें हमारे काम पर गर्व है।“