Kesar Farming In Sikkim: केसर सुगंध और औषधीय गुणों से भरपूर होता है। केसर की पैदावर की बात करें तो ज़हन में सबसे पहले कश्मीर का नाम आता है। भारत ही नहीं दुनिया में केसर का नाम है। केसर की वैश्विक मांग को देखते हुए अब केंद्र सरकार केसर की खेती के दायरे को बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। केंद्र और राज्य सरकारों की कोशिशों को आगे बढ़ाते हुए भारतीय वैज्ञानिकों ने भी केसर की खेती को बढ़ाने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है और अब वैज्ञानिकों ने ऐसा कमाल किया है कि कश्मीर से अलग राज्यों में भी केसर की फसल लहलहाएगी।
सिक्किम के येगांग गांव में पहली बार केसर की फसल
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो साइंटिस्ट काफी समय से इस कोशिश में लगे हुए थे कि कश्मीर के अलावा अन्य राज्यों में केसर का उत्पादन हो सके। इसके विस्तार के लिए उन्होंने नॉर्थ ईस्ट सेंटर फॉर टेक्नोलॉजी एप्लीकेशन एंड रिसर्च काफी समय काम किया। इसके बाद अब दक्षिण सिक्किम के यांगतांग गांव में पहली बार केसर की सफल खेती की गई है। केसर की खेती को देखकर साइंटिस्ट काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं।
इन राज्यों में भी होगा विस्तार
सिक्किम के बाद साइंटिस्ट अब दूसरे राज्यों में भी केसर की खेती की संभावनाओं को तलाश रहे हैं। केसर की बुवाई अरुणाचल प्रदेश में तवांग और मेघालय में बारापानी तक हो रही है।
जम्मू कश्मीर और सिक्किम के बागवानी डिपार्टमेंट के अफसर केसर उत्पादन को लेकर लगातार काम कर रहे हैं। इसको लेकर स्थानीय किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। अधिकारी इसे लेकर कह रहे हैं कि फसल का संबंध सीधा एनवायरमेंट पर निर्भर करता है। केसर की खेती के मामले में कश्मीर और सिक्किम की मौसमी और भौगोलिक स्थितियां लगभग एक तरही ही है।