Rubber subsidy: रबर उत्पादक किसानों के लिए केरल सरकार ने अच्छी खबर की घोषणा की है। जिसके तहत केरल के डेढ़ लाख से ज्यादा किसानों को फायदा होगा। इसके तहत अब किसानों को रबर उत्पादन में फायदा देने के लिए प्रोत्साहन योजना (RPIIS) के तहत रबर की मूल कीमत को बढ़ाया गया है। इसमें रबर की कीमत को 170 रुपये से 180 रुपये करने की घोषणा की गई है।
क्या है पूरी खबर?
दरअसल पिछले हफ्ते केरल के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल ने बजट पेश किया। उन्होंने बजट में रबर उत्पादक किसानों को सब्सिडी (Rubber subsidy) देने की घोषणा की। उन्होंने रबर उत्पादन प्रोत्साहन योजना (RPIIS) के तहत रबर की कीमत को 170 रुपये से 180 रुपये करने की घोषणा की। एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इस योजना का लक्ष्य रबर किसानों को बाजार के वास्तविक मूल्य पर और 180 रुपये की गारंटीड रेट के बीच के अंतर को मेंटेन रखना है। इसमें रबर उगाने वाले किसान रबर उत्पादन समितियों से बिल जमा करने के बाद पैसे मांग सकते हैं। इस बिल को बाद में राज्य सरकार की वेबसाइट पर रबर बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा अपलोड किया जाएगा। सरकार के इस कदम से 1.5 लाख छोटे और मझोले रबड़ किसानों को मुनाफा होगा।
भारत में रबर उत्पादन
दुनिया में रबर उत्पादन के मामले में भारत का स्थान टॉप पर है। ऐसे में किसानों को रबर सब्सिडी (Rubber subsidy) देने से उत्पादन में तेजी आएगी। बता दें कि रबर उत्पादन में दुनिया में पहले नंबर पर इण्डोनेशिया एवं दूसरे नंबर पर ब्राजील का नाम आता है। अगर राज्यों की बात करें तो भारत को सबसे ज्यादा रबर सिक्किम से प्राप्त होता है।
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भारत में रबर का पहला बागान
1895 में केरल की पहाड़ी ढलानों पर पर पहली बार रबर का बागान स्थापित किया गया। आपको ये जानकार हैरानी होगी कि शुरुआत में रबर को कमर्शियल रूप से नहीं उगाया जाता था। लेकिन समय की मांग और आर्थिक फायदे को देखते हुए 1902 में रबर का कमर्शियल प्रोडक्शन शुरू हो गया।
बस्तर में रबर की खेती प्रस्तावित
रबर के आर्थिक महत्व को देखते हुए। भारत के उन राज्यों में भी रबर की खेती को बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है जहां रबर की खेती की संभावना है। ऐसे ही राज्यों में छत्तीसगढ़ भी शामिल है। इसके लिए छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र को भी चुना गया है। यहां रबर को बढ़ावा देने के लिए रायपुर स्थित इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय के साथ बातचीत चल रही है। बस्तर में रबर उत्पादन से लोगों की आय तो बढ़ेगी ही साथ ही नक्सली हिंसा जैसी समस्याओं से भी निजात मिलतने की संभावना है।
Positive सार
पूरी दुनिया में रबर की मांग तेजी से हो रही है। 78% रबर का उपयोग सिर्फ टायर और ट्यूब बनाने में, कर सोल, टायर, रेफ्रिजरेटर, इंजन की सील के अलावा, गेंद बनाने में भी इस्तेमाल किया जाता है। ये एक आर्थिक फसल होने के साथ वाणिज्य फसल भी है। रबर पर सब्सिडी (Rubber subsidy) देकर किसानों को इसके लिए प्रोत्सहित करना चाहिए, क्योंकि दुनियाभर में इसकी मांग और भारत में इसके उत्पादन की संभावना आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।