

• प्रधानमंत्री किसान योजना में बड़ा बदलाव
• किसानों की सुविधा के लिए शुरू हुई फेस ऑथेंटिकेशन सुविधा
• केवाईसी के बाद मिलेगी किसानों को सुविधा
प्रधानमंत्री किसान योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को अब केवाईसी करवाने की जरूरत होगी। किसानों को केवाईसी के लिए अब तक सिर्फ अपनी पूरी जानकारी और अंगूठे का निशान ही देना होता था। लेकिन अब सरकार ने उन किसानों के लिए केवाईसी की प्रक्रिया और भी आसान कर दिया है। जिनके लिए ये एक परेशानी की तरह थी। किसानों की सुविधा के लिए सरकार अब फेस ऑथेंटिकेशन सुविधा की शुरुआत करने जा रही है। इसके लिए किसान अपने मोबाइल फ़ोन के माध्यम से फेस ऑथेटिफिकेशन भी कर पाएंगे। मोबाइल एप के जरिये फेस ऑथेंटिकेशन सुविधा सरकार ने पहली बार किसी केन्द्रीय कल्याणकारी योजना के लिए शुरूआत की है। किसानों को अब केवाईसी कराने के लिए कहीं भटकने की आवश्यक्ता नहीं होगी। वे घर से भी अपने फ़ोन के जरिये केवाईसी पूरा कर सकेंगे।
किसानों के लिए केवाईसी है जरूरी
प्रधानमंत्री किसान योजना के लाभार्थी वन टाइम पासवर्ड और फिंगरप्रिंट के बजाए अपने फ़ोन से चेहरे को स्कैन करके केवाईसी की सुविधा ले सकते हैं। 6 जुलाई को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस मोबाइल एप को लांच किया है। जिसके माध्यम से किसान घर बैठे केवल अपने मोबाइल फ़ोन के माध्यम से केवाईसी का प्रक्रिया को पूरी कर सकते हैं। अभी तक किसानों को पीएम किसान योजना के अंतर्गत सरकार ने 13 किस्तों का भुगतान किया गया है। 14वीं क़िस्त के भुगतान की प्रक्रिया भी चल रही है। इसका लाभ लेने के लिए किसानों को केवाईसी करवाना होगा।
फेस ऑथेंटिकेशन सुविधा वाली इस एप का पायलट परिक्षण 21 मई से शुरू हो जाएगा। अब तक 3 लाख किसानों ने अपने फ़ोन के माध्यम से ई केवाईसी किया है। लेकिन अभी भी ऐसे कई किसान है जिनका मोबाइल नंबर और आधार कार्ड लिंक नहीं हो पाया है, जिसकी वजह से वे केवाईसी की प्रक्रिया पूरी नहीं कर पा रहे थे। इसके अलावा बुजुर्गों को केन्द्रों पर जाकर फिंगर प्रिंट के माध्यम से केवाईसी कराने में भी परेशानी हो रही थी। लेकिन अब फेस ऑथेंटिकेशन सुविधा के जरिये बुजुर्गों को मदद मिलेगी।
3 करोड़ महिला किसान लाभान्वित
प्रधानमंत्री किसान योजना की शुरुआत साल 2019 में की गई। जिसमें हर चार महीने में 2000 हजार रुपये की किश्त का भुगतान किसानों को सरकार करती है। इसमें बिना किसी बिचौलियों के सीधे किसानों के खाते में पैसों को भुगतान किया जाता है। सरकार ने अब तक लगभग 11 करोड़ किसानों के खातों में 2.42 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर किया है। खास बात ये है कि इन किसानों में लगभग 3 करोड़ महिला किसान शामिल हैं।

