भजन और सूफी संगीत सुनाकर बड़े होते हैं यहां पौधे, रिटायर्ड बैंकर की अनोखी पहल!

गार्डनिंग के शौकिन लोग अक्सर काफी क्रिएटिव होते हैं। वो प्रकृति को तो बहुत कुछ देते हैं साथ ही पर्यावरण के लिए भी बहुत कुछ करते हैं। ऐसे ही एक रिटायर्ड बैंकर हैं मनोरंजन सहाय, जिनकी गार्डनिंग के चर्चे काफी हो रहे हैं। दरअसल पटना के रहने वाले मनोरंजन यूनिक तरीके से गार्डनिंग कर रहे हैं। उन्होंने अपने घर में हज़ारों पौधों लगाए हैं और उनकी देखभाल ऐसे करते हैं जैसे कि कोई इंसान। उन्होंने phoolophalo.com नाम से ऑनलाइन बिज़नेस की भी शुरूआत की है।

क्यों अनोखी है मनोरंजन जी की गार्डनिंग?

पटना में रहने वाले  मनोरंजन सहाय के घर की छत पर हर सुबह संगीत की धुन बजती है। आस-पास का हर व्यक्ति ये जानता है कि ये संगीत क्यों बजाई जाती है। यही नहीं उनका गार्डन रात में बेहतरीन लाइटिंग से चमकता भी है। मनोरंजन बैंक की नौकरी से रिटायर होने के बाद अपना ज्यादातर समय टेरेस गार्डन पौधों की देखभाल करते हुए बिताते हैं।

मनोरंजन ने 1200 स्क्वायर फ़ीट के इस टेरेस गार्डन में हजारों पेड़ लगाए हैं। उन्होंने इसे जितने सुंदर तरीके से सजाया है उतनी ही शानदार तरीके से उनकी देखभाल करते हैं। वे अपने पौधों को रोज संगीत सुनाते हैं। वे कहते हैं कि कई लोग इस बात को देखकर आश्चर्य होते हैं कि कैसे पौधे संगीत से बड़े हो रहे हैं। उन्हें गार्डनिंग की प्रेरणा अपने अपने माता-पिता से मिली।

बॉटनी एक्सपर्ट हैं मनोरंजन

मनोरंजन  ने अपनी पढ़ाई बॉटनी विषय के साथ ही की है। 1980 के दौर में उनकी बैंक में नौकरी लगी जिसके बाद वे व्यस्त हो गए। लेकिन वे थोड़ा समय गार्डनिंग को जरूर देते थे। उन्होंने अपने घर में पीपल, बरगद , नीम आदि के बोनसाई, के पौधे तैयार किए हैं जिसमे सालों लग गए।

उनके टेरेस गार्डन में आम, चीकू, अंगूर, अनार, अमरूद, सहतूत, बादाम, अखरोट, नींबू जैसे फलों के भी पेड़ लगे हैं।

टेरेस गार्डन पर कई दुर्लभ पौधों के साथ उगाते हैं फल-सब्जियां

समय के साथ-साथ, मनोरंजन अपने पौधों के कलेक्शन को बढ़ाने लगे। उनके घर में अक्षय वृक्ष का भी पौधा लगा है, जिसे कई लोग कल्पवृक्ष के नाम से जानते हैं। मनोरंजन को आध्यात्मिक कहानियों में भी काफ़ी रुचि है इसलिए वह अलग-अलग पौराणिक कहानियां पढ़ते हैं और उनमें मौजूद पौराणिक पौधों को अपने घर में उगाने का काम करते हैं।


बागवानी से बिज़नेस

मनोरंजन ने कोरोना काल में घर पर ढेरों पौधे लगाए। उन्होने बेटे की सलाह पर ‘फूलोफलो डॉट कॉम’ नाम से एक वेबसाइट बनाई। शुरुआत में उन्होंने 1000 ऑक्सीजन  प्लांट्स लगाए। जो ऑनलाइन हाथों-हाथ बिक गए। इसके अलावा, उन्होंने कोरोना के दौरान, मूड रिफ्रेशिंग प्लांट्स भी बेचा। मनोरंजन इस बात की मिसाल हैं कि कोई भी उम्र नहीं होती है अपने पसंद का काम करने की। जब भी मौका मिले हमें कोशिश करनी चाहिए ताकि हम उस चीज के लिए जी सकें जो हमें पसंद है।
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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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