Man Ki Baat: सोनहनी शहद से गांव को मिली ग्लोबल पहचान!

Man Ki Baat: छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले का एक गांव… जहां सुबह की पहली किरण के साथ किसानों की मेहनत शुरू होती है। खेतों में हल चलाने से लेकर मधुमक्खियों के छत्तों की देखभाल तक, हर काम में आत्मनिर्भरता की एक झलक दिखाई देती है। यहीं से शुरू हुई है “सोनहनी शहद” की वो मीठी कहानी, जो अब एक लोकल प्रोडक्ट से ग्लोबल ब्रांड बनने की ओर अग्रसर है।

सिर्फ शहद नहीं, बदलाव की मिसाल

सोनहनी कोई आम शहद नहीं है। यह इटालियन मधुमक्खियों से तैयार किया गया जैविक और शुद्ध शहद है, जिसकी क्वालिटी और टेस्ट दोनों ही बेजोड़ हैं। इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की कोरिया जिले के कलेक्टर चंदन त्रिपाठी ने, और आज ये गांवों की तस्वीर बदल रहा है।

रोज़गार का नया रास्ता

जहां पहले किसान सिर्फ पारंपरिक खेती पर निर्भर थे, वहीं अब मधुमक्खी पालन उनके लिए एक नया और फायदेमंद रोजगार बन गया है। महिलाएं और युवा अब हनी एंटरप्रेन्योर बन चुके हैं। सोनहनी शहद ने ना सिर्फ इनकी आमदनी बढ़ाई है, बल्कि आत्मविश्वास और पहचान भी दी है।

लोकल से ग्लोबल तक का सफर

आज सोनहनी शहद GeM पोर्टल और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध है। यानी कोरिया के किसान अब सीधे अपने उत्पाद को ग्लोबल मार्केट में बेच रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “मन की बात” के 122वें एपिसोड में जब सोनहनी का ज़िक्र किया, तो यह केवल एक ब्रांड की तारीफ नहीं थी, बल्कि भारत के आत्मनिर्भर अभियान को एक दिशा देने वाली पहल थी।

टेक्नोलॉजी के साथ

शहद की शुद्धता को बनाए रखने के लिए टेक्नोलॉजी कंपनियां और स्टार्टअप्स AI और डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल कर रही हैं। इससे न सिर्फ ग्राहकों को भरोसा मिल रहा है, बल्कि किसानों को उनकी मेहनत का सही दाम भी मिल रहा है।

महिला शक्ति और युवा रोजगार को बढ़ावा

सोनहनी प्रोजेक्ट ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा योगदान दिया है। दर्जनों महिलाएं अब खुद अपना बिज़नेस चला रही हैं और गांव में बदलाव की मिसाल बन चुकी हैं। इसी के साथ कई युवा भी इस पहल से जुड़कर अपने भविष्य को बेहतर बना रहे हैं।

आत्मनिर्भरता की हर बूंद में मिठास

प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में कहा था कि अगली बार जब भी शहद खरीदें, तो लोकल किसान या महिला उद्यमी से खरीदें। क्योंकि हर बूंद में सिर्फ स्वाद नहीं, बल्कि उम्मीद और मेहनत की मिठास घुली होती है।

एक सोच, एक आंदोलन

सोनहनी शहद सिर्फ एक प्रोडक्ट नहीं है, यह एक विचार है, आत्मनिर्भर भारत की मिठास का। कोरिया के आदिवासी किसानों ने यह साबित कर दिया है कि अगर नीयत साफ हो, नीति सशक्त हो और नवाचार जुड़ा हो, तो गांव भी दुनिया को दिशा दे सकते हैं।

Avatar photo

Rishita Diwan

Content Writer

ALSO READ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *