Banana Export: केले की खेती में कैसे भारत बन रहा अग्रणी जानें एंड-टू-एंड सप्लाय चेन को, जिससे किसानों को हो रहा लाभ!

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Banana Export: पोटेशियम से भरपूर केला (Banana) स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होता है। साथ ही पोषक तत्वों पर नजर डालें तो इसमें विटामिन-ए, विटामिन-बी और मैग्नीशियम भी मिलता है। साथ ही विटामिन-सी, और विटामिन-बी6, थायमिन, राइबोफ्लेविन जैसे गुणी तत्व भी इसमें समाहित होते हैं। केले में इतने सारे गुण होते हैं लेकिन बावजूद इसके केला एक ऐसा फल है जो आसानी से उपलब्ध भी होता है और दूसरे फलों के मुताबिक सस्ता भी होता है। पर क्या आप जानते हैं कि केले की खेती (Banana farming) कैसे भारत की अर्थव्यवस्था को गति दे सकती है।दरअसल केले की खेती को लेकर हाल के दिनों में काफी रिसर्च और उत्पादन से जुड़े कार्य किए जा रहे हैं। वहीं केले की खेती में गुणवत्ता को बढ़ाने के साथ ही भारत को केले का बड़ा निर्यातक देश बनाने की दिशा में भी काम किया जा रहा है।

केले का बड़ा निर्यातक देश है भारत

दुनिया भर में होने वाले केले (Banana) के उत्पादन में भारत का योगदान लगभग 25 फीसदी है। वहीं कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो पिछले नौ वर्षों में इस फल का निर्यात आठ गुना तेजी से बढ़ा है। नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर बनाना (एनआरसीबी) की एक रिपोर्ट कहती है कि, भारत ने 2020 में खेती के तहत 9.6 लाख हेक्टेयर भूमि क्षेत्र के साथ 32.6 अरब टन केले का उत्पादन किया है। भारत के घरेलू बाजार का आकार करीब 18 अरब डॉलर माना गया है।

भारत से केला ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, इराक और ओमान जैसे देशों में भेजा जाता है। भारत के केले का स्वाद काफी अच्छा माना गया है, इसलिए दुनिया भर से इसकी मांग होती रहती है।

ग्रीनिक स्टार्टअप से बढ़ रहा केले का निर्यात

अब बात करते हैं केरल के एक कृषि व्यवसाय स्टार्टअप ‘ग्रीनिक स्टार्टअप’ (greenikk Startup) की, जो केले की खेती करने वाले किसान, व्यापारियों और निर्यातकों को एक मंच पर जोड़ेगी। यह अपने मूल्य वर्धित उत्पादों (value added products) के लिए एक मजबूत वैश्विक ब्रांड की क्षमता के साथ केले के देश के बढ़ते निर्यात का पूर्ण लाभ उठाने का प्रयास कर रहा है।

दो युवा फ़ारिक नौशाद और प्रेविन जैकब की पहल पर ग्रीनिक (greenikk) स्टार्टअप की शुरूआत हुई। ये दोनों विशेषज्ञ युवा दुनिया के सबसे बड़े केला उत्पादक देश के किसानों, डीलर, थोक विक्रेता और बी 2 बी खरीदारों को आपस में जोड़ने की दिशा में काम कर रहे हैं। ग्रीनिक (greenikk) ने केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक सहित प्रमुख केला उत्पादक कृषि-बेल्ट में सक्षम केंद्र (ईसी) की आधार रखी है। ये केंद्र किसानों वित्त, बीज, फसल सलाहकार, बीमा कवरेज, कृषि संबंधी जानकारी, मौसम की जानकारी, और बाजार से संपर्क कराने सहित जैसी जरूरी सहायता उपलब्ध कराते हैं।

ग्रीनिक (greenikk) स्टार्टअप देश के अंदर और बाहर दोनों जगह केले के उत्पादन और विपणन के पूरे विस्तार पर भी काम कर रहा है। कंपनी आने वाले सालों में ईसी को आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों में बनाने के साथ ही पूरे भारत में अपनी कार्ययोजना को विस्तार देना चाहता है ताकि भारत के केला के उत्पादन और निर्यात में वृद्धि हो सके।

फसल के बचे हुए वेस्ट मटेरियल के रिसाइकल पर भी काम

ग्रीनिक (greenikk) स्टार्टअप किसानों को सल के बाद के केले के पौधों के तनों को प्राकृतिक रेशे में बदलने और दूसरे बचे हुए हिस्से को खाद या मुर्गियों के दाने के रूप में पुन: उपयोग करने में भी मदद करेगा।

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Dr. Kirti Sisodhia

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