

भारत एक कृषि प्रधान देश है। कृषि उत्पादों में विविधता भारतीय कृषि को वैश्विक स्तर पर पहचान देती है। जहां एक तरफ किसान तकनीकी रूप से समृद्ध होकर खेती को नया आयाम दे रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार भी किसानों की मदद के लिए उनके अनुरूप योजनाओं का संचालन कर रही है। जिसका लाभ लेकर छोटे-बड़े सभी खेती-किसानी को कामों को और प्रोत्साहित होकर कर रहे हैं। किसानों को कृषि के क्षेत्र में अपने स्किल और नॉलेज को बढ़ाने में मदद करने के लिए कई कौशल विकास कार्यक्रम शुरू किए हैं।
दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (DDU-GKY)
ग्रामीण विकास मंत्रालय के इस कार्यक्रम का उद्देश्य गरीब परिवारों के ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर देना है। इससे कृषि से संबंधित स्किल जैसे बागवानी, कृषि वानिकी और पशुपालन में ट्रेनिंग दिया जाता है।
कौशल भारत कार्यक्रम (Skill India)
इसका लक्ष्य 2022 तक 40 करोड़ लोगों को स्किल ट्रेनिंग देना था। यह कार्यक्रम कृषि सहित दूसरे क्षेत्रों में ट्रेनिंग देने पर केंद्रित है। कार्यक्रम का उद्देश्य प्रोडक्शन और आमदनी के स्तर में सुधार के लिए कृषि क्षेत्र में एक स्किल्ड वर्कफोर्स बनाना है।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY)
किसानों की मदद के लिए साल 2015 में कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय द्वारा इस कार्यक्रम को शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य कृषि सहित विभिन्न क्षेत्रों में 1 करोड़ से अधिक लोगों को प्रशिक्षित करना है। PMKVY कृषि से संबंधित स्किल जैसे जैविक खेती, डेयरी फार्मिंग और फूड प्रोसेसिंग की ट्रेनिंग और प्रशिक्षण दिया जाता है। इससे ग्रामीण युवाओं को स्व-रोजगार के लिए आवश्यक स्किल सिखाकर उनकी रोजगार क्षमता को बढ़ाया जा रहा है।
भारतीय कृषि कौशल परिषद (ASCI)
कृषि क्षेत्र में वर्कफोर्स के स्किल्स में सुधार के लाने के लिए सरकार की यह एक पहल है। ASCI एक गैर-लाभकारी संगठन है जिसे 2013 में कृषि में विभिन्न नौकरी भूमिकाओं के लिए योग्यता मानकों और कौशल सेटों को विकसित करने और प्रमाणित करने के लिए स्थापित किया गया। ASCI किसानों, कृषि-उद्यमियों और ग्रामीण युवाओं को कृषि में उनके स्किल और नॉलेज में सुधार करने के लिए ट्रेनिंग और सर्टिफिकेशन कोर्स मुहैया उपलब्ध करवाता है।
परम्परागत कृषि विकास योजना
2015 में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा इस योजना को शुरू किया गया था। इसके जरिए जैविक खेती के तरीकों के लिए किसानों को सहायता और धन उपलब्ध कराकर देश में जैविक खेती को बढ़ावा देना है।
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