

किसान हमारी इकोनॉमी का अहम हिस्सा हैं। पर अनाज उगाने वाले इन किसानों को कई बार आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे ही किसानों की मदद के लिए काम कर रहा है Leads Connect, इस एग्रीटेक कंपनी की शुरूआत साल 2009 में हुई। दरअसल किसानों की मदद करने के लिए नवनीत रविकर ने अपनी पत्नी रिचा खंडेलवाल के साथ मिलकर Leads Connect की शुरूआत की। एक छोटी सी शुरूआत से आज इस कंपनी का टर्नओवर करीब 80 करोड़ रुपये सालाना का है। यह कंपनी किसानों से न ही लोन लेती है और न ही उन्हें इंश्योरेंस के लिए परेशान करती है। रविकर और रिचा की यह कंपनी किसानों की मदद बिल्कुल फ्री में करती है।
2013 तक Leads Connect सिर्फ कॉरपोरेट के लिए रिस्क मैनेजमेंट का काम ही करती थी, लेकिन उसके बाद एग्रीकल्चर के फील्ड में उतरकर फसल बीमा की शुरुआत की। 2017 में कंपनी ने रिसर्च, क्रॉप रिसर्च, सैटेलाइज इमेजरी, ड्रोन एनालिटिक्स पर काम करना शुरू किया और लीड रिसर्च लैब की शुरुआत की। फिलहाल कंपनी अग्रणी ऐप की मदद से किसानों और खेती में दिलचस्पी रखने वालों की मदद कर रही है।
अग्रणी ऐप का आइडिया
एक वेबसाइट पर पब्लिश लीड्स कनेक्ट की स्टोरी के मुताबिक नवनीत रविकर ने 2017 में कंपनी की तरफ से एसबीआई का एक कैंपेन चलाया था, इस कैंपेन का नाम था ‘कौन बनेगा गांव का हीरो’। जिसके तहत लोगों को जागरूक करने के लिए नुक्कड़ नाटक और रोड शो करवाया गया। तब लोगों से इंश्योरेंस की बात की गई तो यह बात सामने आई कि गांव के लोगों को तो फाइनेंस ही नहीं मिल पा रहा तो वह इंश्योरेंस कैसे लेंगे। किसानों से यह बात पता चली की उन्हें तो लोन ही बड़ी दिक्कत से मिलती है। इसके बाद किसानों की लोन से जुड़ी दिक्कत को सुलझाने के लिए अग्रणी ऐप की शुरुआत हुई ।
लेकिन तब तक एफपीओ भी नहीं थे, इसलिए किसानों को और भी ज्यादा परेशानी होती थी। लोन भी उन्हीं को मिलता था, जिनके बड़े कनेक्शन थे या जो बड़े किसान के रूप में काम कर रहे थे। एफपीओ आने के बाद भी लोन तभी मिल पाता था, जब अच्छे कॉन्टैक्ट्स हों। किसानों को हर लेवल पर हैंड होल्डिंग यानी मदद की आवश्यक्ता थी। लोन के लिए आवेदन से लेकर इश्योरेंस और तमाम योजनाओं की जानकारी तक। यहां तक कि सब्सिडी से भी जुड़ी तमाम चीजें किसानों को या तो नहीं पता थी या फिर उन्हें मदद नहीं मिल पाती थी। ऐसे में किसानों की तरफ से फाइल को सही से पूरा कर के बैंक तक पहुंचाना एक बड़ा चैलेंज था। इस पेनप्वाइंट को लीड्स कनेक्ट ने हल किया। इसने अपने अग्रणी ऐप के जरिए किसानों को मदद मुहैया करवाने की दिशा में काम करना शुरू किया। अग्रणी ऐप के जरिए किसानों को लोन और इंश्योरेंस की सुविधा मिली। वहीं इस पर वह अपने दस्तावेज रखने का भी लाभ मिला। इतना ही नहीं किसानों को एडवाइजरी सुविधा भी इस पर मिल रही है। लीड्स कनेक्ट किसानों के लिए ‘खेत से किचन तक’ अभियान भी चला रहा है।
कैसे काम करती है यह कंपनी?
नवनीत और रिचा की यह कंपनी सरकार के साथ मिलकर काम कर रही है। इसके तहत वह एग्रीकल्चर फाइनेंस और एग्रीटेक को मिलाकर एक एग्री फिनटेक मॉडल पर काम कर रहे हैं। इसमें किसानों को समझाया जा रहा है कि कैसे वह अपनी खेती को एक बिजनेस में बदल कर आर्थिक रूप से सशक्त हो सकते हैं। किसानों को लोन और इंश्योरेंस की सुविधा देने के साथ-साथ उनकी समझ को भी डेवलप करने का काम यह कंपनी कर रही है। यही नहीं किसानों को उर्वरक मुहैया कराने से लेकर प्रोडक्ट्स को मार्केट में पहुंचाने तक की दिशा में भी काम किया जा रहा है। ई-मंडी तक की पहुंच का लाभ भी किसान ले पा रहे हैं।
अग्रणी ऐप की मदद से एक ऐसा सिस्टम तैयार किया गया है, जिससे लोन के लिए आवेदन करने के बाद से फाइल कहां पहुंची, क्या स्टेटस है ये सभी जानकारी किसान को मिल जाती है। किसानों को एफपीओ और मार्केट से जोड़ने का काम भी ये कंपनी के द्वारा किया जा रहा है।
लीड्स कनेक्ट की सुविधा के लिए किसानों को नहीं देना होता कोई चार्ज
लीड्स कनेक्ट की यह सभी सुविधा किसानों को फ्री ऑफ कॉस्ट दी जा रही है, यानी कि किसानों को इसके लिए किसी भी तरह का कोई शुल्क नहीं देना होता है। कंपनी से फ्री में किसानों को लोन, इंश्योरेंस और एडवाइजरी की सुविधा दी जाती है।
लीड्स कनेक्ट की अन्य सुविधाएं
• लीड्स कनेक्ट का भारतीय स्टेट बैंक के साथ करार हुआ है, जिसके तहत वह किसानों को लोन मुहैया करवाती है।
• एसबीआई से किसानों को इंश्योरेंस भी दी जाती है।
• इसके लिए सिर्फ कंपनी का अग्रणी ऐप डाउनलोड करना है।
• ऐप पर रजिस्टर करना है।
• लोन से लेकर इंश्योरेंस तक की सारी जानकारियां ऐप पर ही दिख जाएंगी।
• ऐप के जरिए कंपनी किसानों के खेत की जानकारी, जियोटैगिंग, एग्रिकल्चर क्रेडिट स्कोर की सुविधा देती है।