

GUJARAT, भारत का वह राज्य जो कला और संस्कृति की पहचान तो रखता ही है। साथ ही यहां के व्यवसायी पूरी दुनिया में अपनी धाक रखते हैं। और अब गुजरात (GUJARAT) के कच्छ का रण अपनी फार्मिंग की वजह से चर्चा में है। दरअसल कच्छ में ‘नानी नागलपर’ नाम का गांव रोजाना 11 टन फूल और सब्जियां उपलब्ध करवाता है। साथ ही यहां के लोग खेती को लेकर काफी जागरूक हैं। जो दुनिया के लिए मिसाल बन रही है।
नकद फसल का रोल मॉडल
इस गांव की गलियां और मोहल्ले सब्जी के क्यारियों के नाम से पहचाने जाते हैं। यह गांव अब नकद फसल करने वालों के लिए रोल मॉडल बन रहा है। गुजरात (GUJARAT) के इस गांव के किसान हर दिन 7 से लेकर 8 टन तक की सब्जियां और 2 से 3 टन तक की फूलों की सप्लाई करते हैं।
50% जैविक खेती और सिंचाई के लिए ड्रीप इरीगेशन मैथड
गुजरात (GUJARAT) का ‘नानी नागलपर’ पहले भी खेती करता था लेकिन परंपरागत पद्धति से। पर पिछले कुछ सालों से यहां के लोग ड्रीप इरीगेशन से सिंचाई कर रहे हैं। वहीं अब यहां की खेती भी 50 फीसदी तक जैविक हो चुकी है। इस गांव में फल-सब्जियों के लगभग 200 खेत हैं। जो पूरे जिले को फल और सब्जियों की सप्लाई करते हैं।
आस-पास के गांव के लिए आदर्श बन रहा है ‘नानी नागलपर’
‘नानी नागलपर’ के ही एक निवासी हैं हेमंतभाई राठौड़, उनका कहना है कि तहसील मुख्यालय अंजार शहर के करीब स्थित है ‘नानी नागलपर’ गांव। यहां के लोग खेती को लेकर अब काफी जागरूक हुए हैं। पहले यहां घूमते-फिरते आवारा पशु आ जाते थे। लेकिन अब इनके लिए गौशाला की व्यवस्था की गई है ताकि फसलों को नुकसान न हो। वहीं यहां अब तक कोई क्रिमिनल केस नहीं हुआ। साथ ही ‘नानी नागलपर’ गांव में ही दो एकड़ जमीन पर गांव वासियों ने खुद का संजीवनी अस्पताल भी बनवाया है।