Foldscope In Agriculture: छत्तीसगढ़ में कृषि और पशुपालन को आधुनिक और लाभकारी बनाने की दिशा में राज्य सरकार ने एक अनूठी पहल की है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की विशेष पहल पर किसानों को उन्नत तकनीकों और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से लैस करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में फोल्डस्कोप नामक उपकरण ने कृषि और पशुपालन में नई क्रांति लाने का काम किया है।
कृषि प्रधान छत्तीसगढ़ की आवश्यकताएं
छत्तीसगढ़ की 70% से अधिक आबादी कृषि पर निर्भर है। यह राज्य की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार है। किसानों को नई तकनीकों से जोड़कर खेती को अधिक उन्नत और लाभकारी बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। फसलों को कीटों और बीमारियों से बचाने, मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने, और पशुपालन को बेहतर बनाने के लिए फोल्डस्कोप जैसे वैज्ञानिक उपकरण किसानों को सशक्त बना रहे हैं।
एक किफायती और प्रभावी उपकरण
फोल्डस्कोप, जिसे स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक प्रोफेसर मनु प्रकाश और उनकी टीम ने विकसित किया है, एक पोर्टेबल और किफायती माइक्रोस्कोप है। यह उपकरण खेती और पशुपालन के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता रखता है।
फोल्डस्कोप का उपयोग और फायदे
- कीट और फसलों के रोगों की पहचान।
- मिट्टी की गुणवत्ता और पानी का विश्लेषण।
- पाउडरी फफूंदी, पत्ती झुलसा और अन्य 16 प्रकार के फफूंद रोगों की पहचान।
- जैविक कीटनाशकों और जैव एजेंटों का परीक्षण।
पशुपालन में उपयोग
- मवेशियों के कृत्रिम गर्भाधान में वीर्य की गुणवत्ता का आकलन।
- देशी नस्लों की ग्रेडिंग और गर्भधारण दर में सुधार।
छत्तीसगढ़ में फोल्डस्कोप का विस्तार
राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान के सहयोग से यह उपकरण छत्तीसगढ़ के 20 जिलों के 30 से अधिक गांवों के किसानों को वितरित किया गया है। रायगढ़, जशपुर, रायपुर, बस्तर और अन्य जिलों में यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक संचालित हो रहा है।
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पर्यावरण-अनुकूल खेती को बढ़ावा
फोल्डस्कोप का उपयोग पर्यावरण-अनुकूल खेती को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा रहा है। रसायनों पर निर्भरता कम करके जैविक खेती की ओर कदम बढ़ाया जा रहा है। यह न केवल पर्यावरण को सुरक्षित रखता है, बल्कि किसानों की आय में भी वृद्धि करता है।
भविष्य की राह
फोल्डस्कोप जैसे उपकरणों के माध्यम से छत्तीसगढ़ में कृषि और पशुपालन का एक नया अध्याय लिखा जा रहा है। यह उपकरण किसानों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से लैस कर उनकी उत्पादकता और आय बढ़ाने में मदद कर रहा है। राज्य सरकार और वैज्ञानिक संस्थानों के इस संयुक्त प्रयास ने छत्तीसगढ़ को कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में एक नई पहचान दिलाई है।