![](https://seepositive.in/img/articles/images/artic_42805_19071840.jpg)
![](https://seepositive.in/img/articles/images/artic_71479_19071853.jpg)
MSP: रबी फसल की खेती करने वाले किसानों के लिए अच्छी खबर है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 18 अक्टूबर को विपणन सीजन 2023-24 के लिए छह रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को मंजूरी दी है। मसूर के एमएसपी (MSP) में अधिकतम 500 रुपये प्रति क्विंटल की मंजूरी दी गई है। केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने सरकार के इस फैसले की जानकारी दी है।
केंद्रीय कैबिनेट और आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCEA) के बीच बैठक में 6 रबी फसलों का मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) बढ़ाने का फैसला किया है। इनकी खास बात यह है की सबसे ज्यादा दालों पर MSP को बढ़ाया गया है। वहीं जूट की MSP में 110 रुपये क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है। कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की सभी सिफारिशों को कैबिनेट ने मंजूरी दी है।
6 रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया गया
फसल |
MSP/ रु/क्विंटल |
जौ |
1735 रु/क्विंटल |
चना |
5335 रु/क्विंटल |
मसूर |
6000 रु/क्विंटल |
सरसों |
5450 रु/क्विंटल |
कुसुम |
5650 रु/क्विंटल |
गेहूं |
2125 र/क्विंटल |
MSP दर
केंद्र सरकार किसानों के भले के लिए फसलों की एक न्यूनतम कीमत तय करते हैं। इसे ही मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) कहते हैं। मान लीजिए अगर कभी फसलों की क़ीमत बाज़ार के हिसाब से गिर भी जाए तो, केंद्र सरकार इस MSP पर ही किसानों से फसल लेती है। ताकि किसानों को नुक़सान से बचा सके।
किस-किस फसलों पर मिलता है MSP
सरकार कुल 23 फसलों के लिए MSP तय करती है, ये खरीफ और रबी दोनों मौसमों में उगाई जाती है।
इसमें 7 अनाज वाली फसलें हैं, जैसे- धान, गेहूं, बाजरा, मक्का, ज्वार, रागी, जौ।
5 दालें, जैसे – चना, अरहर, मूंग, उड़द, मसूर।
7 ऑयलसीड, जैसे – मूंग, सोयाबीन, सरसों, सूरजमुखी, तिल, नाइजर या काला तिल, कुसुम।
4 दूसरी फसलें, जैसे – गन्ना, कपास, जूट, नारियल।