Best Inland District Award: छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर एक और गौरवशाली सम्मान मिलने वाला है। प्रदेश के कांकेर जिले को ‘बेस्ट इनलैंड डिस्ट्रिक्ट अवॉर्ड’ दिया जाएगा। यह अवॉर्ड मछली पालन के क्षेत्र में बेहतरीन काम करने के लिए दिया जाता है। जिले को यह अवॉर्ड दिल्ली में दिया जाएगा। कार्यक्रम का आयोजन 21 नवंबर को विश्व मत्स्यिकी दिवस के मौके पर किया जाएगा।
मछली बीज उत्पादन में छत्तीसगढ़ छठां प्रदेश
आपको बता दें पूरे देश में मछली बीच उत्पादन करने वाले प्रदेशों में छत्तीसगढ़ का स्थान छठवां है। मछली बीच उत्पादन करने के मामले में छत्तीसगढ़ पूरी तरह से आत्म निर्भर प्रदेश है। छत्तीसगढ़ सिर्फ प्रदेश में ही मछली के बीज की पूर्ति नहीं कर रह बल्की पड़ोसी राज्यों में भी मछली का बीज निर्यात करता है। कांकेर जिले को मिली इस उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बधाई दी है। उन्होंने कहा-“छत्तीसगढ़ लैंड लॉक प्रदेश होने के बाद भी मत्स्य पालन में देश में अग्रणी स्थान पर है।”
हर साल 7.30 लाख टन मछली उत्पादन
आपको बता दें छत्तीसगढ़ में हर साल करीब 7.30 लाख टन मछली का उत्पादन होता है। इस तरह से छत्तीसगढ़ पूरे देश में मछली उत्पादन में आठवें स्थान पर है। प्रदेश में 82 हैचरीज बनाए जाने के बाद कुल 115 हैचरी हो गई है। इनके जरिए हर साल करीब 546 करोड़ मत्स्य बीच का भी उत्पादन किया जाता है।
इसके अलावा उत्पादन के लिए जलाशयों और बंद खदानों में 9 हजार 551 केज बनाए जा चुके हैं। साथ ही 415 बायोफ्लॉक, 6 आरएएस और 253 बॉयोफलॉक पॉण्ड भी तैयार किए जा चुके हैं। प्रदेश में मछली पालन के लिए कुल 6 हजार 783 हेक्टेयर जल क्षेत्र बनाए जा चुके हैं।
सरकार भी कर रही सपोर्ट
मछली पालन करने वाले किसानों को सरकार की तरफ से हर संभव सहायता दी जाती है। रायपुर, बिलासपुर के साथ ही दुर्ग और जांजगीर में थोक मछली मार्केट तैयार किया गया है। मछली पालकों का NFDP योजना में रजिस्ट्रेशन की भी सुविधा दी गई है। इतना ही नहीं मछली पालक किसानों का किसान क्रेडिट कार्ड बनाया गया है। इस कार्ड से किसानों को बैंक से 1 से 3 परसेंट ब्याज दर पर टर्म लोन आसानी से मिल जाता है।