

महाराष्ट्र के चीकू बागवान लतिका और अच्युत पाटिल के लिए सोलर ड्राइंग फ्रूट्स की नई तकनीक वरदान साबित हुई इस तकनीक के माध्यम से उन्होंने अपने चीकू व्यवसाय की बिक्री को 40 % तक बढ़ाया है।
कौन है लतिका और अच्युत पाटिल?
लतिका और अच्युत पाटिल महाराष्ट्र के देहानु के रहने वाले हैं, वे लगभग 40 से 50 वर्षो से फल की खेती करते आ रहे हैं। लतिका 2015 में बतौर शिक्षक रिटायर हुईं जिसके बाद ही फलों की प्रोसेसिंग में उनकी रुचि गहरी हुई 2012 के बाद से बोर्डी बीच एक वार्षिक पर्यटन कार्यक्रम के रूप में चीकू महोत्सव शुरू हुआ जिससे उन्हें बाज़ार और लोगो की दिलचस्पी का पता लगाने में मदद मिली।
पहले आती थी कई परेशानियां
पहले पीक सीजन के दौरान, फसल का लगभग 30 प्रतिशत बर्बाद हो जाता था। धूप में सुखाने के कारण फल खराब हो जाते हैं। जिस कारण उन्हें अपनी फसल पड़ोसी शहरों को बेच देनी पड़ती थी। भले ही उन्हें पूरा मुनाफा न मिल पाये। इसी कारण वे फलों की प्रोसेसिंग की नई तकनीक की तलाश में थे।
क्या है ये नई तकनीक?
ये तकनीक फलों की प्रोसेसिंग का एक ऐसा बेहतरीन ऑप्शन है जिसमे एक मशीन में 4 प्लेट होते हैं जिसमे पेटेंट फ़ूड ग्रेड ब्लैक पाउडर कोटिंग होती है जो फलो को सुखाने में मदद करती है किसी भी मौसम में इन प्लेटों का टेम्प्रेचर 55 से 60 डिग्री मेन्टेन रखा जाता है। जो फलों के पोषक तत्वों को बनाये रखने में मददगार साबित होता है। इसके अलावा ये प्लेटें युवी प्रोटेक्शन हाई ग्रेड पॉलीकार्बोनेट शीट से ढ़की होती हैं जो फलों को धूल और बाहरी कणों से भी बचाता है।