स्ट्रीट वेंडर्स के बेहतर व्यवसाय के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर की आत्म निर्भर निधि (पीएम स्वानिधि) योजना को दिसंबर 2024 तक जारी रखने की मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार ने 27 अप्रैल को यह फैसला लिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा दिसंबर 2024 तक पीएम स्ट्रीट वेंडर की आत्मनिर्भर निधि योजना को जारी रखने के लिए कदम उठाया गया था।
दिसंबर 2024 यह योजना, औपचारिक क्रेडिट चैनलों तक पहुंच को संस्थागत बनाने में मदद करेगा, उन्हें अपने व्यवसाय के विस्तार की योजना बनाने में मदद करने के लिए ऋण का एक सुनिश्चित स्रोत प्रदान करेगा, डिजिटल लेनदेन को अपनाने में वृद्धि करेगा, उधार देने वाले संस्थानों पर संभावित एनपीए के प्रभाव को कम करेगा। और स्ट्रीट वेंडर्स और उनके परिवारों के लिए समग्र सामाजिक-आर्थिक उत्थान प्रदान करेगा।
पीएम स्वनिधि के बारे में जानने योग्य 10 बातें
1. पीएम स्वनिधि योजना का उद्देश्य रेहड़ी-पटरी वालों को कोलैटरल-मुक्त किफायती ऋण प्रदान करना है। इसका उद्देश्य स्ट्रीट वेंडर्स और उनके परिवारों के समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
2. आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के अनुसार, इस योजना में 5,000 करोड़ रुपये की राशि के ऋण की सुविधा की परिकल्पना की गई थी।
3. पहले योजना में 5,000 करोड़ रुपये की राशि के ऋण की सुविधा की परिकल्पना की गई थी।पर अब ऋण राशि को बढ़ाकर 8,100 करोड़ रुपये कर दिया है, जिससे स्ट्रीट वेंडर्स को अपने व्यवसाय का और विस्तार करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्यशील पूंजी प्रदान की जा रही है।”
4. इस कदम से शहरी भारत के लगभग 1.2 करोड़ नागरिकों को लाभ होने की उम्मीद है।
5. मंत्रालय ने यह भी बताया कि 25 अप्रैल, 2022 तक 31.9 लाख ऋण स्वीकृत किए जा चुके हैं।
6.अब तक इस योजना के तहत 29.6 लाख लोन कुल 2,931 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए जा चुके हैं।
7. साथ ही, दूसरे ऋण के संबंध में, 2.3 लाख ऋण स्वीकृत किए गए हैं और 1.9 लाख ऋण राशि 385 करोड़ रुपये का वितरण किया गया है, मंत्रालय ने कहा।
8. स्ट्रीट वेंडर्स ने 13.5 करोड़ से अधिक डिजिटल लेनदेन किए हैं और उन्हें 10 करोड़ रुपये का कैशबैक दिया गया है।
9. 25 अप्रैल 2022 तक ब्याज सब्सिडी के रूप में 51 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया जा चुका है।
10. मंत्रालय ने कहा कि योजना का विस्तार इसलिए आवश्यक हो गया है क्योंकि जून 2020 में इस योजना को शुरू करने वाली परिस्थितियां बनीं यानी महामारी और छोटे व्यवसायों पर संबंधित तनाव पूरी तरह से अभी तक खत्म नही हुए हैं।