कुछ कर गुजरने के लिए सिर्फ ज़ज्बे की जरूरत होती है। इसकी कोई उम्र नहीं होती है, बस कोशिश और दृढ़संकल्प हुनर को आगे बढ़ाने का काम करती है। कुछ ऐसी ही कहानी है दुनिया की सबसे कम उम्र की CEO कहलाने वाली श्रीलक्ष्मी सुरेश की, जिन्होंने छोटी सी उम्र में कुछ ऐसा कर दिखाया जो बड़े-बड़े लोग सालों की मेहनत से हासिल करते हैं। इसके लिए बेशक उनका टैलेंट तो था उनके पास लेकिन उनके जुनून ने उन्हें सफल बना दिया।
श्रीलक्ष्मी सुरेश की कहानी
सिर्फ 9 साल की उम्र में श्रीलक्ष्मी सुरेश ने यंगेस्ट गर्ल वेब डिज़ाइनर इन द वर्ल्ड CEO का खिताब हासिल किया। केरल के कोझिकोडे जिले की रहने वाली श्रीलक्ष्मी ने भारत के केरल राज्य से संबंधित एक वेबसाइट है। 5 फ़रवरी 1998 को जन्मी श्रीलक्ष्मी के पिता का नाम सुरेश मेनन जो कि एक वकील थे। श्रीलक्ष्मी को बचपन से कंप्यूटर के प्रति काफी लगाव था। उन्होंने सिर्फ 8 साल की उम्र में पहली वेबसाइट बना दी थी। लक्ष्मी इस वेबसाइट की CEO भी हैं।
श्रीलक्ष्मी इस वेबसाइट के अलावा भी 10 से ज्यादा वेबसाइट बना चुकी है उन्होंने कई तरह के वेबसाइट डिजाइन किये हैं। लक्ष्मी की पहली वेबसाइट www.presentationhss.com थी।
मिल चुके हैं कई सम्मान
श्रीलक्ष्मी को उनके काम के लिए कई सम्मान भी मिल चुके हैं। उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। जिसमें –
- गोल्डन वेब अवार्ड (यूएसए)
- सिक्सटी प्लस एजुकेशन अवार्ड (कनाडा)
- फिबलमायडिड उत्कृष्टता पुरस्कार (यूके)
- वेबमास्टर्स इंक. अवार्ड (यूएसए)
- पेनमेरिक कांस्य पुरस्कार (कनाडा)
- ग्लोबल इंटरनेट डायरेक्ट्री गोल्ड अवार्ड (यूएसए)
- WM8C स्टैम्प ऑफ एक्सीलेंस अवार्ड (यूएसए)
- 37वें टेक्सास वेब अवार्ड्स (यूएसए)
- अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ वेबमास्टर्स मेरिट अवार्ड
- थॉमस सिम्स ग्रीव्स उत्कृष्टता पुरस्कार (यूके)
उन्हें 2008 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (भारत) द्वारा असाधारण उपलब्धि के लिए राष्ट्रीय बाल पुरस्कार भी मिला है। उन्हें इन्फो ग्रुप का ब्रांड एंबेसडर भी नियुक्त किया गया है।
आज श्रीलक्ष्मी की कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास ही उनके स्टार्टअप को शेप दे रही है। भविष्य में वो भारत की सबसे लीडिंग आईटी फर्म की सीईओ बनना चाहती हैं। श्रीलक्ष्मी के बारे में सबसे अच्छी बात ये है कि वो अपनी योजनाओं के बारे में सपने नहीं देख रही हैं, बल्कि वह रियल में काम कर रही हैं और हर समय अपने कौशल में सुधार कर रही हैं।