

Highlights:
• वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में निकहत ने थाइलैंड की जुटामस को हराया
• 5-0 स्कोर से बनीं वर्ल्ड चैंपियन
भारतीय मुक्केबाज निकहत जरीन May 19 को महिला विश्व चैंपियनशिप के फ्लाइवेट (52 किग्रा) वर्ग के एकतरफा फाइनल में थाईलैंड की जिटपोंग जुटामस को 5-0 से हराकर विश्व चैंपियन बन गई हैं ।
निकहत बनी 5वीं भारतीय मुक्केबाज़
ज़रीन ने इस्ताम्बुल में हो रही वीमेन वर्ल्ड चैंपियनशिप में जुटामस को बड़े आंकड़े से हराया और विश्व चैंपियन बनने वाली पांचवीं भारतीय महिला मुक्केबाज बन गई । उनसे पहले ये कारनामा छह बार की चैंपियन एमसी मैरीकोम (2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018), सरिता देवी (2006), जेनी आरएल (2006) और लेखा केसी कर चुके हैं ।
वर्ल्ड चैंपियन निकहत जरीन
निकहत का जन्म तेलंगाना के निजामाबाद में 14 जून 1996 को हुआ था । उनके पिता का नाम मुहम्मद जमील अहमद और माता का नाम परवीन सुल्ताना है । इस भारतीय स्टार ने 13 साल की उम्र में बाक्सिंग ग्ल्बस से दोस्ती कर ली थी । वो भारतीय मुक्केबाजी की लीजेंड एमसी मैरीकाम को अपना आदर्श मानती हैं ।
6 बार रह चुकी चैंपियन मैरीकॉम से हो चुकी हैं लड़ाई
निकहत जरीन हमेशा से ही अपने हक के लिए लड़ती आई है । वो अपने करियर एक बार फेडरेशन और अपनी आदर्श मैरीकॉम से भी लड़ चुकी है । दरअसल, बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने छह बार की वर्ल्ड चैंपियन एमसी मैरीकॉम को ओलंपिक में बिना ट्रॉयल के ही 51 किलोग्राम भारवर्ग में भारत का प्रतिनिधि बना दिया । इस दौरान बीएफआई का नियम था कि महिला एवं पुरुष दोनों वर्गो में पदक विजेता खिलाड़ियों को ही ओलंपिक क्वालीफायर में भेजा दिया जाएगा । हालांकि ये ये नियम सिर्फ गोल्ड और सिल्वर मेडल विजेताओं के लिए था । जिस वजह से ट्रायल में निखत को मैरीकॉम के खिलाफ उतरने भी नहीं दिया था । जिसके बाद तत्कालीन समिति के चेयरमैन राजेश भंडारी ने कहा था कि वह निखत फ्यूचर के लिए सेव कर रहे हैं । इस बात की जानकारी जब निखत को हुई तो उन्होंने इसके खिलाफ आवाज़ उठाई । जिसके बाद उन्होंने खेल मंत्री किरण रिजिजू को पत्र लिख दिया और ट्रायल की मांग की । जिसके बाद ट्रायल्स हुए थे । इस मैच में एमसी मैरीकाम ने जीत हासिल की थी । हालांकि इस मैच के बाद मैरीकॉम ने उनसे हाथ भीं नही मिलाया था ।

