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‘उड़नपरी दादी’ को सभी जानते हैं। ये वही दादी हैं जिनकी उम्र है 105 साल है और वो फर्राटे से दौड़ लगाती हैं। उम्र को मात देती दादी के पास ढेरों मेडल और इनाम है। और अब दादी ने नया रिकॉर्ड कायम किया है। उड़नपरी दादी ने 100 मीटर की रेस पूरी की है। वो भी 45.40 सेकंड में।
105 साल की बुजुर्ग रामबाई ने यह साबित किया है कि उनकी उम्र महज एक संख्या है। हरियाणा के चरखी दादरी में रहने वाली रामबाई बेंगलुरु में आयोजित राष्ट्रीय ओपन मास्टर्स एथलेटिक्स चैम्पियनशिप (एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की तरफ से आयोजित) में रिकॉर्ड कायम किया।
इससे पहले उन्होंने वडोदरा में आयोजित नेशनल लेवल की एथलेटिक चैंपियनशिप में 100 मीटर रेस में रिकॉर्ड कायम किया था। दरअसल चरखी दादरी जिले के गांव दमा की रहने वाली रामबाई राष्ट्रीय स्तर की एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में अपनी तीन पीढ़ियों के साथ 100, 200 मीटर दौड़, रिले दौड़, लंबी कूद में 4 गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। इससे पहले नवंबर 2021 में हुई कॉम्पीटिशन उन्होंने 4 गोल्ड मेडल जीते थे। रामबाई गांव की सबसे बुजुर्ग महिला है और उन्हें’ उड़नपरी ‘-परदादी कहकर बुलाया जाता है।
उड़नपरी दादी के फिट रहने के नुस्खे
दादी खुद को फिट रखने के लिए हर रोज सुबह 5-6 किलो मीटर दौड़ती हैं। दादी का जन्म जन्म 1 जनवरी , 1917 में दमा गांव में हुआ था। वे पहली बार नवंबर, 2021 में वाराणसी में हुई मास्टर्स एथलैटिक मीट में दौड़ी थीं। वे अपनी उम्र की परवाह किए बिना आगे बढ़ी। और कई लोगों की प्रेरणा बनीं। बुजुर्ग एथलीट रामबाई ने खेतों के कच्चे रास्तो पर प्रैक्टिस की। वे सुबह 4 बजे उठकर अपने दिन की शुरुआत करती हैं। लगातार दौड़ और पैदल चलने का अभ्यास उनकी दिनचर्या का हिस्सा है। इसके अलावा वे इस उम्र में भी 5-6 किलो मीटर तक दौड़ लगा सकती हैं। साथ ही रामबाई की 62 साल साल की बेटी संतरा देवी भी रिलेरेस में गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं।