Gig economy: FY 2030 तक 2.35 करोड़ रोजगार- नीति आयोग



Gig Economy: भारत की नीति आयोग (Niti Aayog) ने रिपोर्ट जारी कर कहा है कि वित्तीय वर्ष (Financial Year) 2030 तक भारत की गिग इकोनॉमी (Gig Economy) में 2.35 करोड़ लोगों को रोजगार मिलेगा। यानी कि आने वाले 10 सालों में भारत में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। यह वर्तमान से लगभग साढ़े तीन गुना ज्यादा है। नीति आयोग (Niti Aayog) की रिपोर्ट India’s Booming Gig and Platform Economy: Perspectives and Recommendations on the Future of Work को हाल ही में जारी की गई। बता दें कि फिस्कल ईयर 2020 में 69 लाख लोगों को गिग इकोनॉमी (Gig Economy) में रोजगार मिला था।

Gig economy क्या है?

गिग इकोनामी (Gig economy) एक ऐसी मार्केट फ्री सेटअप है। जहां पूर्णकालिक रोजगार की जगह अस्थायी रोजगार का चलन है। इसके अंचर्गत कंपनियां या फर्म्स अपने छोटे-छोटे टारगेट्स, प्रोजेक्ट या खास जरूरतों को पूरा करने के लिए फ्रीलांसर या स्वतंत्र श्रमिकों के साथ कॉन्ट्रैक्ट करते हैं। इसे सीधे तौर पर समझें तो इसमें शॉर्ट टर्म या कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी देना शामिल है। उदाहरण के लिए ओला-उबर, या फूड होम डिलीवरी वाले जॉब्स।

Gig economy के फायदे

• Gig economy में काम, टास्क या प्रोजेक्ट के तौर पर होते हैं। जिसकी वजह से बहुत से फ्रीलांसर्स को अपने काम में फ्लेक्सिबिलिटी का फायदा मिलता है।
• Gig economy के तहत कर्मचारियों को भुगतान के लिए महीनों को इंतजार नहीं करना होता।
• कम समय के लिए भी रोजगार का एक सबसे अच्छा साधन जिसे आमतौर पर पार्ट टाइम भी कहा जा सकता है।
• कर्मचारी अपने काम के लिए अपनी सहूलियत के समय और स्थान को खुद चुन सकता है।

Gig economy और नीति आयोग की रिपोर्ट

Niti Aayog की रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल गिग इकोनामी (Gig economy) में 47 फीसदी रोजगार मीडियम स्किल्ड वाले, 22 फीसदी लोग हाई स्किल्ड और 31 फीसदी लोग लो स्किल्ड वाले हैं। इस रिपोर्ट के बाद नीति आयोग की तरफ से कहा गया है कि- समार्टफोन्स के उपयोग और सस्ते इंटरनेट की वजह से बढ़ते डिजीटल प्लेटफार्म तेजी से बढ़े हैं।

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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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