NEP: उत्तराखंड ‘नई शिक्षा नीति 2020’ को लागू करने वाले देश का पहला राज्य बन गया है। इसके लिए उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी (pushkar singh dhami) ने 12 जुलाई को ‘बाल वाटिका’ (प्राइमरी से पहले की कक्षा) का उद्घाटन किया। देहरादून के अलावा राज्य के सभी विकासखंडों के आंगनबाडी केंद्रों और स्कूलों में बालवाटिका कक्षाएं प्रारंभ कर दी गईं हैं। निजी स्कूलों में नर्सरी में होने वाली पढ़ाई, अब आंगनबाड़ी एवं सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को ‘बाल वाटिका’ कक्षा के रूप में कराई जायेगी।
‘बाल वाटिका’ का उद्घाटन करने के बाद सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 एक क्रांतिकारी परिवर्तन है, जो कि नौनिहालों के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करने में सहायक होगी। उन्होंने कहा, ‘यह शिक्षा नीति भारतीय सनातन ज्ञान और विचार की समृद्ध परंपरा के आलोक में तैयार की गई है जो हर इंसान में निहित रचनात्मक क्षमताओं के विकास पर विशेष जोर देती है।’
छात्रों के व्यक्तित्व निर्माण में शिक्षकों की भूमिका को सबसे अहम बताते हुए सीएम धामी ने यह कहा कि बच्चों को सबसे पहले संस्कार माता-पिता से मिलते हैं और उसके बाद उनके व्यक्तित्व निर्माण में पूरी भूमिका शिक्षकों की ही होती है।
2030 तक पूरी तरह होगा लागू
सीएम ने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 को 2030 तक पूरी तरह से लागू करने का लक्ष्य चैयार कर रही है। लेकिन, उन्होंने शिक्षा विभाग से 2025 तक शिक्षा के क्षेत्र में कुछ ऐसे कार्य करने का निर्देश दिया है जो देश में एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत हों।