Junior National Aquatic Championship: वेदांत मांधवन ने जीता गोल्ड, तोड़ा स्वीमिंग का रिकॉर्ड!



Highlights:

• वेदांत ने जून‍ियर नेशनल एक्वाट‍िक चैंप‍ियनश‍िप में महाराष्ट्र के लिए 7 मेडल जीते
• बेंगलुरु के एक्वाटिक सेंटर में आयोज‍ित स्वि‍मिंग चैंपियनश‍िप में 4 सिल्वर, 3 ब्रॉन्ज मेडल
• 48वें जूनियर नेशनल एक्वॉटिक चैंपियनशिप में तोड़ा नेशनल रिकॉर्ड

R Madhvan: वेदांत माधवन अब किसी नाम के मोहताज नहीं हैं क्योंकि उन्होंने छोटी सी उम्र में ही बड़ा मुकाम हासिल कर लिया है। भले ही दुनिया उन्हें आर. माधवन का बेटा कहकर बुला रही हो, पर वेदांत ने अपने काम से देश में अपना नाम हासिल किया है। दरअसल उन्होंने 48वें जूनियर नेशनल एक्वॉटिक चैंपियनशिप में नेशनल रिकॉर्ड तोड़ दिया है।

एक्टर ने ट्विटर पर विडियो शेयर कर जाहिर की खुशी

माधवन ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर अपनी खुशी जाहिर की है। उन्होंने कैप्शन में लिखा कि – ” कभी न मत कहो… 1500 मीटर फ्रीस्टाइल नेशनल जूनियर रिकॉर्ड को वेदांत ने तोड़ दिया है।” माधवन ने जो वीडियो शेयर किया है, उसमें वेदांत तैर रहे हैं। इसमें कमेंटेटर कह रहे हैं कि लगभग 16 मिनट में वेदांत ने अद्वैत पेज के 780 मीटर के रिकॉर्ड को तोड़ दिया।

वेदांत ने जीते हैं 7 मेडल्स

वेदांत ने पिछले साल अक्टूबर में जून‍ियर नेशनल एक्वाट‍िक चैंप‍ियनश‍िप में महाराष्ट्र के लिए कुल मिलाकर 7 मेडल जीते थे। उन्होंने बेंगलुरु के बसवनगुडी एक्वाटिक सेंटर में आयोज‍ित स्विहमिंग चैंपियनशिप में 4 सिल्वर और 3 ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं। वेदांत ने 800 मीटर फ्रीस्टाइल स्विआमिंग, 1500 मीटर फ्रीस्टाइल स्वि मिंग, 4×100 मीटर फ्रीस्टाइल स्विममिंग और 4×200 मीटर फ्रीस्टाइल स्वि मिंग रिले इवेंट में सिल्वर जीता था। 100 मीटर, 200 मीटर और 400 मीटर फ्रीस्टाइल स्वि×मिंग इवेंट में वेदांत ने ब्रॉन्ज जीतकर देश का मान बढ़ाया था।

वेदांत ने कहा माता-पिता ने किए हैं कई त्याग

भारत के लिए यह खुशी की बात है कि स्विमिंग के क्षेत्र में वेदांत का प्रदर्शन काफी अच्छा है और आने वाले समय में वे ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे और मेडल भी जीतेंगे। हाल के दिए एक इंटरव्यू में वेदांत ने कहा था कि ‘मैं अपने पापा की शैडो में नहीं रहना चाहता, मैं खुद से अपना नाम बनाना और कमाना चाहता था। सिर्फ आर माधवन का बेटा नहीं बनना चाहता बल्कि मेका अपना नाम हो। मेरे पैरेंट्स ने मेरे लिए काफी मेहनत की है। वो हमेशा मेरी हर चीज का ध्यान रखते हैं। दोनों ही मेरे लिए बहुत मेहनत करते हैं। मेरे पैरेंट्स ने मेरे लिए बहुत कुछ ज्यादा त्याग किए हैं, दुबई में शिफ्ट होना भी उनमें से एक है।’

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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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