SOLAR ENERGY: सोलर एनर्जी से गुलजार हो रहा है छत्तीसगढ़ का हेल्थ डिपार्टमेंट, मिल रही है सराहना!




छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली नवाचार की तरफ बढ़ रहा है। साथ ही अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर भी निर्भरता लायी जा रही है।- खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में. सरकार ने 2010 से 1,400 सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों में सौर पैनल बनाए हैं। ताकि सोलर ऊर्जा का बेहतर इस्तेमाल हो।

बिजली की अनुपलब्धता पर या फिर कम वोल्टेज के कारण महत्वपूर्ण वैक्सीन के रेफ्रीजरेशन और भंडारण को प्रभावित करने वाले इन सभी स्वास्थ्य केंद्रों में कोई समस्या नहीं है, जिन्हें 24×7 बिजली की आपूर्ति मिलती रहती है।
छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (क्रेडा) के मुख्य अभियंता ने एक अखबार को बताया कि राज्य में लगभग 790 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कार्य कर रहे हैं और उनमें से कई को नियमित रूप से बिजली की कटौती का सामना भी करना पड़ता है। आगे उन्होंने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए अब इन सभी स्वास्थ्य केंद्रों को सौर ऊर्जा से बिजली दी जा रही है।

उन्होंने यह भी कहा कि कोविड -19 महामारी के दौरान जीवन बचाने वालीदवाओं को स्टोर और रेफ्रिजरेट करने की आवश्यकता पर ध्यान देकर यह व्यवस्था की है।

साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत, राज्य भर में अब कुल 1,432 सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों में 457 मेगावाट की कुल क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जा चुके हैं। जो बेहतर रिस्पॉस दे रहे हैं। यह प्रति वर्ष 66,72,200 kWh बिजली उत्पन्न करते हैं।

उन्होंने यह भी जानकारी दी कि राज्य के सभी उप स्वास्थ्य केंद्रों में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए गए हैं। इसी तरह, क्रेडा ने स्कूलों, सरकारी भवनों, आदिवासी छात्रावासों, वन विश्राम गृहों और घरों में 6.7 मेगावाट सौर ऊर्जा के साथ-साथ कृषि, पेयजल और शीत भंडारण के लिए सौर पीवी की स्थापना की गई है। और प्रभावी संचालन और नियमित रखरखाव के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं।

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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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