Commonwealth Fencing Championships: भवानी देवी ने जीता स्वर्ण पदक, लंदन में फहरा तिरंगा!



Commonwealth Fencing Championships: भारतीयों ने कॉमनवेल्थ गेम्स बर्मिंघम में अपना परचम तो लहराया ही पर अब लंदन में भी 10 अगस्त की सुबह गर्व से भरा था। दरअसल बर्मिंघम के बाद अब लंदन में जन…गण…गन की धुन बज रही थी। और तिरंगा शान से लहरा रहा था। गर्व के इस क्षण का मौका दिया टोक्यो ओलिंपिक में अपने प्रदर्शन से देश का दिल जीतने वाली तलवारबाज भवानी देवी ने।

भवानी को कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल

28 साल की इस तलवारबाज ने कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल किया और भारत का नाम रोशन किया। उन्होंने सेवर कैटेगरी के फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया की खिलाड़ी वैसलेवा को 15-10 से मात दी। उनका इस चैंपियनशिप में दूसरा गोल्ड मेडल है।

ओलिंपिक खेलने वाली भारत पहली तलवारबाज ‘भवानी’

भवानी ओलिंपिक खेलने वाली भारत की पहली तलवारबाज हैं। ओलिंपिक में भवानी ने फेंसिंग में पहला मैच जीतकर देश का नाम दुनिया में रोशन किया था। हालांकि, वे दूसरा मैच हार कर मेडल नहीं जीत पाईं। पर उनके प्रदर्शन ने आगे की खेलों के लिए भारत की आस को जगा दिया। और अब उन्होंने लंदन में इतिहास रच दिया। वे ओलिंपिक में भारत के लिए पहला मैच जीतने वाली तलवारबाज थीं।

बचपन में बांस की स्टिक से सीखी थी तलवारबाजी

भवानी के पिता मंदिर में पुजारी का काम करते हैं। वे मंदिरों और लोगों के घर पर जाकर पूजा-पाठ करवाते हैं। वहीं उनकी मां एक हाउस वाइफ हैं। 5 भाई-बहनों में भवानी सबसे छोटी हैं। उनकी आर्थिक स्थिति उतनी अच्छी नहीं थी कि वे फेंसिंग के इक्विपमेंट खरीद सकें या ट्रेनिंग ले सकें। ऐसे में भवानी ने बांस की लकड़ी से तलवारबाजी सीखी और बाद में इक्विपमेंट भी खरीदे। रियो ओलिंपिक की तैयारी के लिए उनके पिता ने उधार लिया। इतना ही नहीं, उनकी मां को अपने गहने भी गिरवी रखने पड़े थे। आज भवानी के प्रदर्शन ने हर भारतवासी का दिल जीत लिया है।

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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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