भारत को सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ आज पहली स्वदेशी वैक्सीन मिलने वाली है। इसका नाम ‘क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमा वायरस वैक्सीन (qHPV)’ है। इसे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और केंद्र सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी (DBT) ने मिलकर बनाया है। केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह गुरुवार को यह वैक्सीन लॉन्च करेंगे।
क्या है सर्वाइकल कैंसर?
सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में सर्विक्स के सेल्स (कोशिकाओं) को प्रभावित करता है। सर्विक्स यूट्रस के निचले वाले भाग का हिस्सा होता है, यह वजाइना से जुड़ा होता है। कैंसर इसी हिस्से के सेल्स को प्रभावित करता है। सर्वाइकल कैंसर के ज्यासदातर मामले ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) के अलग-अलग तरह की स्ट्रेन्स की वजह से सामने आते हैं। HPV एक आम यौन रोग है, जो जननांग में मस्से के रूप में दिखाई देता है। फिर धीरे-धीरे यह सर्वाइकल सेल्स को कैंसर सेल्स में चेंज करता है।
वैक्सीनेशन प्रोग्राम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन (NTAGI) के चेयरमैन ने कहा है कि- भारत में निर्मित वैक्सीन को लॉन्च करना रोमांचक है। और इस बात की खुशी है कि हमारी बेटियां और पोतियां इस बहुप्रतीक्षित वैक्सीन को अब ले पाएंगी। यह वैक्सीनेशन प्रोग्राम 9 से 14 साल की लड़कियों के लिए है।
यह भी कहा गया है कि यह वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर पर बहुत असरदार है और यह वैक्सीन इस कैंसर को रोकने में सक्षम है। 85-90% मामलों में सर्वाइकल कैंसर की वजह वायरस है। यह वैक्सीन उस वायरस के खिलाफ है। अगर इस वैक्सीन को अपने छोटे बच्चों और बेटियों को लगाते हैं, तो वह इसके संक्रमण से सुरक्षित रहेंगी और हो सकता है कि देश में 30 साल के बाद कैंसर ही न हो।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC-WHO) के अनुसार भारत में सर्वाइकल कैंसर के 1.23 लाख मामले हर साल देखने को मिलते हैं। इसमें करीब 67,000 महिलाओं की जान जाती है। यह कैंसर देश में महिलाओं को प्रभावित करने वाला दूसरा सबसे सामान्य कैंसर है।