Money Management: पैसों की जरूरत कभी न कभी हर किसी को जरूरत पड़ती है। लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि जरूरत के समय पैसों की हेल्प नहीं मिल पाती है। ऐसे में अगर आपके पास जीवन बीमा पॉलिसी (लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी) है तो आप उस पर लोन का लाभ ले सकते हैं। जी हां बहुत कम लोगों को पता होता है कि पॉलिसी के बदले आसानी से और कम ब्याज पर लोन मिलता है। ये लोन आप बैंक या नॉन-बैकिंग वित्तीय संस्थाओं (NBFC) के जरिए पा सकते हैं।
सरेंडर वैल्यू
लाइफ इंश्योरेंस के मामले में पूरी अवधि तक चलाने से पहले पॉलिसी सरेंडर करने पर प्रीमियम के तौर पर चुकाई गई रकम का कुछ हिस्सा वापस मिलता है, इसमें चार्ज काट लिए जाते हैं। यही रकम सरेंडर वैल्यू होती है।
किन लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी पर मिलती है सरेंडर वैल्यू
केवल उन पॉलिसी में ही सरेंडर वैल्यू वापस मिलती है जिनमें बीमा के साथ निवेश का भी हिस्सा शामिल होता है। इसलिए शुद्ध टर्म प्लान में कोई सरेंडर वैल्यू नहीं होती है। वहीं, एंडोमेंट, मनीबैक और यूलिप जैसे पारंपरिक प्लानों में भी सरेंडर वैल्यू होती है। इसके साथ ही आपको अपने पैसे का एक हिस्सा तभी मिलेगा जब आपने दो साल के लिए लगातार प्रीमियम का भुगतान कर दिया हो। कई कंपनियों में ये लिमिट 3 साल तक की है।
ब्याज कितना देना होगा?
ब्याज दर प्रीमियम के अमाउंट और भुगतान किए गए प्रीमियम की संख्या पर डिपेंड होता है। प्रीमियम और प्रीमियम की संख्या जितनी अधिक होगी, ब्याज दर उतनी ही कम होती है। लाइफ इंश्योरेंस पर लोन की ब्याज दर 10-12 फीसदी के बीच होती है।
लोन के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स
लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी पर लोन के लिए आवेदन फार्म के साथ आपको जीवन बीमा पॉलिसी के सभी जरूरी ओरिजनल डॉक्युमेंट्स जमा करना होता है। लोन की रकम प्राप्त करने के लिए एक कैंसिल चेक आवेदन फार्म के साथ लगाना पड़ता है। बीमा पॉलिसी के बदले लोन लेने पर अनुबंध पत्र पर साइन करना आवश्यक होता है।