अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा का DART मिशन 27 सितंबर को एक एस्टेरॉयड से टकराकर उसकी दिशा को बदलने की कोशिश करेगा। DART यानी कि डबल एस्टेरॉयड रिडायरेक्शन टेस्ट। अगर यह कामयाब होता है तो भविष्य में पृथ्वी को उल्का पिंडों से बचाने में मदद होगी। इस मिशन को नासा और एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स साथ मिलकर पूरा कर रही है।
कैसे पूरा होगा मिशन
500 किलोग्राम वजन वाला DART स्पेसक्राफ्ट एक एस्टेरॉयड सिस्टम से क्रैश होगा। इस उल्का पिंड का नाम डिडीमॉस और इसके सैटेलाइट का नाम डिमोरफोस रखा गया है। डिमोरफोस 11 घंटे और 55 मिनट में डिडीमॉस का एक चक्कर पूरा करता है। डिमोरफोस का आकार 525 फीट और डिडीमॉस का आकार 2,560 फीट है।
स्पेसक्राफ्ट का मिशन एस्टेरॉयड के रास्ते को बदलना है। DART काइनेटिक इम्पैक्ट टेक्नोलॉजी की मदद से डिमोरफोस से 24 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की तेजी से टकराएगा।
इससे 10 मिनट में यह सिस्टम टूट टूटेगा और डिडीमॉस की ट्रैजेक्टरी बदल जाएगी।
प्लैनेट के लिए डिफेंस सिस्टम
नासा के अनुसार यह हमारे ग्रह की रक्षा के लिए तैयार किया गया है। यानी कि एक डिफेंस सिस्टम है। वैसे तो डिडीमॉस एस्टेरॉयड से धरती को किसी तरह का कोई खतरा नहीं है, लेकिन यह पहली बार काइनेटिक इम्पैक्ट टेक्नोलॉजी के जरिए DART को प्रयोग करने का एक अच्छा समय है। यह मिशन नवंबर 2021 में लॉन्च हुआ था।
स्पेस फैंस इस ऐतिहासिक घटना को लाइव देख पाएंगे। इसे भारतीय समय के अनुसार 27 सितंबर को सुबह 3 बजकर 30 मिनट पर NASA TV पर देखा जा सकेगा। साथ ही यह नासा के फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब अकाउंट्स पर भी टेलिकास्ट होगा।