विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर एक बार फिर बढ़ते मानसिक स्वास्थ्य को लेकर आवाज बुलंद हो गई है। डॉक्टर्स और विशेषज्ञों का मानना है कि खुश रहने के लिए हेल्दी लाइफ का होना जरूरी है और आप तभी खुश रह सकते हैं जब आपका तन और मन दोनों ही हेल्दी हो। ऐसे में जब हम अपने मानसिक संतुलन को बैलेंस नहीं कर पा रहे हों तो हमें क्या करना चाहिए…ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब एक्सपर्टस देते हैं। जानते हैं मन के परेशान होने पर क्या करना होगा बेस्ट ऑप्शन
नकारात्मक विचारों को भुलाने की कोशिश करें
अक्सर ऐसा होता है कि किसी भी काम को हम बड़े ही उत्साह से शुरू करते हैं लेकिन फिर धीरे-धीरे हमारा उत्साह कम या खत्म हो जाता है। ऐसी स्थिति में घबराएं नहीं बल्कि जिस काम को हम कर रहे हैं उससे जुड़े नकारात्मक भावों को अपने मन में घर न करने दें। समस्या जब बड़ी लगे तो किसी काउंसल से बात करें।
बार-बार एक ही बात को दोहराना सही नहीं
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि अगर-अगर आप किसी बात को बार-बार दोहरा रहे हैं तो यह अच्छे संकेत नहीं हैं। यह ऑब्सेसिव कंपलसिव डिसऑर्डर (OCD) की परेशानी हो सकती है। इस स्थिति को बढ़ने न दें, ज्यादा परेशानी होने पर मनोचिकित्सक की राय लें।
व्यस्त रहना है बेस्ट
जब भी कभी किसी परेशानी से जूझ रहे हैं तो कोशिश करें कि किसी भी काम या फिर अपने मन के पसंद का काम करें। खुद को बिजी रखें। ऐसा करने से आपके मन में नकारात्मक भाव नहीं आएंगे। इसके अलावा आप अपने रुचि का काम करें। आज के बारे में सोचें। मेडिटेशन करें,
छोटे-छोटे गोल्स को पूरा करने की ओर ध्यान केंद्रित करें
व्यस्त रहने के लिए अगर आपको काम नहीं मिल रहा है तो आप अपने पसंद के कामों को रोज नोट कर रख सकते हैं। छोट-छोटे गोल्स को सेट करें और उन्हें पूरा करने का प्रयास करें। इससे आपमें एक अलग तरह की ऊर्जा का संचार होगा।
अक्सर दो तरह की स्थितियां उत्पन्न होती है। या तो ज्यादातर लोगों को यह पता ही नहीं होता कि वे किसी तरह की मानसिक बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं, या फिर उन्हें लोगों के सामने इस बात को स्वीकार करने में परेशानी होती है। मानसिक बीमारी को स्वीकार करें अपने आस-पास के लोगों को जागरूक करें और मानसिक लड़ाई की इस पहल में आप समाज को एक सकारात्मक दिशा दे सकते हैं।