HIGHLIGHTS:
• 10,000 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस
• विश्व बैंक द्वारा आंशिक रूप से वित्त पोषित मिशन
• राज्य में शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना मिशन का उद्देश्य
गुजरात के सरकारी स्कूलों में शिक्षा में सुधार लाने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए राज्य सरकार काम कर रही है। इसके लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 अक्टूबर को महत्वाकांक्षी ‘मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस’ परियोजना का शुभारंभ किया।
10,000 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस परियोजना को विश्व बैंक द्वारा सहायता मिल रही है। इस मिशन का उद्देश्य राज्य में नए कक्षाओं, स्मार्ट कक्षाओं, कंप्यूटर प्रयोगशालाओं की स्थापना और स्कूलों में बुनियादी ढांचे के समग्र उन्नयन के माध्यम से शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है।
परियोजना के पहले चरण के तहत, 5,567 करोड़ रुपये से अधिक की स्कूल बुनियादी ढांचा परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। इस परियोजना में सरकारी स्कूलों में 1.5 लाख स्मार्ट कक्षाओं, 20,000 कंप्यूटर प्रयोगशालाओं और 5,000 अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाओं के अलावा 50,000 कक्षाओं की स्थापना की जाएगी।
19 अक्टूबर को शिक्षा पर दूसरा बड़ा कार्यक्रम था जिसमें प्रधानमंत्री इस साल अपने गृह राज्य में शामिल हुए थे। इससे पहले, श्री मोदी ने गांधीनगर में एक स्कूल निगरानी केंद्र का उद्घाटन किया था और सभी राज्यों को ऐसे अत्याधुनिक केंद्र स्थापित करने के लिए कहा था जो स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में मदद करेंगे। इस मौक पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, हाल ही में शुरू की गई 5G सेवाएं देश में शिक्षा प्रणाली को पूरी तरह से बदल देंगी। “यह शिक्षा प्रणाली को स्मार्ट सुविधाओं, स्मार्ट कक्षाओं और स्मार्ट शिक्षाओं से परे ले जाएगा और इसे अगले स्तर पर ले जाएगा। हमारे छात्र स्कूलों में वर्चुअल रियलिटी और इंटरनेट ऑफ थिंग्स की शक्ति का अनुभव कर सकेंगे। ‘मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस’ के जरिए गुजरात ने देश में पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम उठाया है।”