स्वीडन की एक युवा रोमिना पोरमोतरी की चर्चा दुनियाभर में हो रही है, क्योंकि स्वीडन की नई गठबंधन सरकार में 26 साल की इस लड़की को क्लाइमेट मिनिस्टर के तौर पर चुना गया है। रोमिना को पर्यावरण जैसा महत्वपूर्ण मंत्रालय सौंपा गया है। दुनिया की निगाहें और उम्मीदें रोमिना पोरमोतरी पर हैं। बता दें क्लाइमेट चेंज के खिलाफ आवाज उठाने वाली पर्यावर्ण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग भी स्वीडन की ही नागरिक हैं।
स्वीडन के नए प्राइम मिनिस्टर उल्फ किस्टर्सन ने 18 अक्टूबर को कैबिनेट नॉमिनेशन्स की घोषणा की थी। स्वीडन के हालिया चुनाव में राइट विंग कोएलिशन जीत गई। रोमिना इससे पहले पार्टी की यूथ विंग की चीफ का पद भी संभाल चुकी हैं।
लिबरल पार्टी की सदस्य हैं रोमिना पोरमोतरी
स्वीडिश मीडिया की मानें तो, रोमिना कई साल पहले ही लिबरल पार्टी की यूथ विंग से जुड़कर काम कर रही थीं। लेकिन, नई सरकार में उनको क्लाइमेट मिनिस्टर बनाया गया है।
पर्यावरण संबंधों को लेकर काम करने वाली रोमिना वर्तमान के प्रधानमंत्री किस्टर्सन की बड़ी आलोचक भी रही हैं। दो साल पहले रोमिना ने सोशल मीडिया पर लिखा था- डेमोक्रेट पार्टी तो किस्टर्सन के बगैर चलाई जा सकती है। लेकिन, अगर वो उस पार्टी में आते हैं तो हमें गठबंधन से दूर होना चाहिए।
रोमिना के बारे में
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रोमिना मूल रूप से ईरान की नागरिक हैं। हालांकि, उनका जन्म स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में हुआ है। रोमिना पहली नहीं हैं जो इतनी कम उम्र में मंत्री बनीं हैं, इससे पहले भी स्वीडन में यंग मिनिस्टर रह चुके मिनिस्टर की उम्र 30 साल से कम थी।
क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग भी स्वीडन की ही नागरिक हैं। उन्होंने क्लाइमेट चेंज के खिलाफ लाखों युवाओं को एकजुट करने वाली ग्रेटा काफी कम उम्र की हैं। उन्होंने दुनिया के सामने मुखर होकर पर्यावरण के मुद्दों को उठाया है।