कनाडा में भारतीयों को नौकरी, सैलरी के साथ मिलेगी पर्मानेंट रेसिडेंसी



आने वाले 3 सालों में कनाडा 14.5 लाख विदेशी लोगों को नौकरी देने की तैयारी कर रहा है। हाल ही में कनाडा के इमीग्रेशन मिनिस्टर की तरफ से कहा गया है कि- कहा की देश में लेबर फोर्स की कमी से अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हुआ है। जिससे उबरने के लिए कनाडा को और लोगों की जरूरत पड़ रही है। इस जरूरत को पूरा करने के लिए कनाडा ने इमीग्रेशन लेवेल्स प्लान 2023-25 के तहत अगले तीन साल में 14.5 लाख अप्रवासी लोगों को देश में नौकरी देने की पेशकश की है।

कनाडा में क्यों हो रही है लेबर फोर्स में कमी –

कोविड-19 पैंडेमिक की वजह से लोगों ने काम छोड़ दिया

देश में घट रही है फर्टिलिटी रेट

कनाडा की बूढ़ी होती आबादी

कनाडा सरकार का न्यू इमीग्रेशन लेवल्स प्लान

इमीग्रेशन मिनिस्टर ने न्यू इमीग्रेशन प्लान को लेकर कहा कि कनाडा की हेल्थकेयर, एग्रीकल्चर-फिशरीज और ट्रांसपोर्ट सेक्टर पूरी तरह अप्रवासियों पर ही निर्भर करता है। और सरकार के मुताबिक इनमें करीब 10 लाख जॉब वैकेंसी हैं। कनाडा में जॉब करने के लिए विदेश से आ रहे अप्रवासियों को उनके इकोनॉमिक कॉन्ट्रिब्यूशन के लिए देश में परमानेंट रेसिडेंसी भी दी जाएगी।

इसके लिए कनाडा सरकार कई सालों से अलग-अलग प्रोग्राम्स चलाती है। नए इमीग्रेशन लेवल्स प्लान में एंट्री भी इन्हीं प्रोग्राम के तहत ही दी जाएगी।

इन नए इमीग्रेंट्स की देश में एंट्री और नौकरी के लिए सिलेक्शन पहले से मौजूद एक्सप्रेस एंट्री और प्रोविंशियल नॉमिनी प्रोग्राम यानी PNP प्रोग्राम्स के तहत दी जाएगी। बता दें पिछले साल करीब 56% अप्रवासी इन्हीं प्रोग्राम से कनाडा पहुंचे थे।

भारत को फायदा

कनाडा में करीब 14 लाख भारतीय मूल के लोग निवास करते हैं। जो कि कनाडा की आबादी का 1.4% है। 2021 में कनाडा की परमानेंट रेसिडेंसी हासिल करने वाले 4,05,999 लोगों में 1,27,933 भारतीय थे।

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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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