Drone Tech से खेती हुई आसान, दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में ड्रोन से की जा सकती है फल-सब्जियों की ढुलाई!



Drone Transportation: ड्रोन तकनीक के विकसित होने से कई क्षेत्रों में ट्रांसपोर्टेशन के लिए नवाचार किए जा रहे हैं। ऐसे में अब खेती के क्षेत्र में भी ड्रोन को लेकर कई इनोवेशन तैयार हैं। कृषि में ड्रोन तकनीक का फायदा सबसे ज्यादा दुर्गम पहाड़ी वाले क्षेत्रों हो रहा है। दरअसल पहाड़ी इलाकों में ट्रकों का परिवहन काफी जोखिम भरा होता है। कई दुर्गम इलाकों में आज भी किसान पीठ पर अपने फल-सब्जी लादकर मंडियों तक पहुंचाने का काम करते हैं। लेकिन ड्रोन तकनीक से किसानों की यह चिंता जल्द ही दूर होने वाली है।

हिमाचल में हो रहा है प्रयोग

हाल ही में हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में ड्रोन की मदद से सेब की ढुलाई (Drone Transported Apple) का ट्रायल किया गया। जो कि पूरी तरह से सफल रहा है। हिमाचल के निचार गांव में सेब के बागवान और पंचायत प्रतिनिधियों ने ड्रोन की मदद से सेब की 12 से 18 किलो पेटियों को 10 से 12 किमी. की हवाई यात्रा करके एक निश्चित स्थान पर पहुंचाया है। इस तरह ड्रोन से यह नवाचार काफी उपयोगी साबित हुआ है। इस तरह किसान कम खर्च में ही सेब के साथ-साथ दूसरे फल और सब्जियों की मार्केटिंग को भी आसान बनाएंगे। एक अनुमान के मुताबिक, हर साल अकेले किन्नौर जिले से 35 से 36 लाख सेब की पेटियों को पहाड़ी रास्तों से मंडियों तक पहुंचाने का काम होता है।

किसानों के लिए उपयोगी साबित होगा ड्रोन

पहाड़ी इलाकों में फलों की बागवानी बड़े पैमाने पर होती है। सेब, कीनू, कीवी, चेरी, आडू और खुबानी जैसी तमाम फलदार की फसल यहीं तैयार होती है लेकिन यहां ऊबड़-खाबड़ रास्तों के कारण फलों का ट्रांसपोर्टेशन काफी मुश्किल और महंगा साबित होता है। लेकिन ड्रोन तकनीक से किसानों और व्यापारियों के लिए राह आसन होगी।

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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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