किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने और खेती की तरफ प्रेरित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार कई योजनाएं चला रही है। ऐसे ही कार्यक्रमों में से एक है असम मिलेट मिशन, जिससे किसानों को कई सब्सिडी और खेती के क्षेत्र में मदद मिल रही है। इस योजना से सरकार बाजरा की खेती को बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है।
आर्थिक रूप से सशक्त होंगे किसान
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो असम में मिलेट मिशन योजना की शुरुआत हुई है। असम सरकार का कहना है कि मिलेट मिशन की शुरुआत इसलिए की गई है ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपेक्षाओं के अनुरूप किसानों की आय बढ़ाई जाए। असम मिलेट मिशन से प्रदेश में बाजरे की खेती को बढ़ावा तो मिल रहा है साथ ही किसानों की इनकम भी बढ़ी है।
50000 हेक्टेयर में बाजरे की खेती
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि देश में युवा हो या किसान, या कारोबारी. सभी को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए असम मिलेट मिशन के तहत किसान अपनी पारंपरिक खेती पद्धतियों में कई प्रयोग कर सकेंगे। बता दें शुरुआत में 25000 हेक्टेयर भूमि में बाजरे की खेती की होगी, बाद में इसे बढ़ाकर 50000 हेक्टेयर तक किया जाएगा।
नॉलेज सेंटर किया जा रहा है विकसित
असम सरकार खेती के विकास के लिए राज्य में नॉलेज सेंटर डेवलप कर रही है। इससे राज्य के किसानों को बाजरे की खेती करने में हेल्प मिल रही है। राज्य सरकार की तरफ से यह साफ किया गया है कि आने वाले समय में ग्रामीण बुनियादी ढांचा विकास कोष (आरआईडीएफ) के अंतर्गत राज्य भर में 96 और नॉलेज सेंटर तैयार किए जाएंगे। इन्हीं सेंटर्स की मदद से किसानों को फसल बुवाई और उसकी उत्पादकता के बारे में जानकारी दी जाएगी।
इसके अलावा असम सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि आने वाले सालों में स्टेट में बाजरे की खेती का प्रसार किया जाएगा। वहीं मिलेट का रकबा भी बढ़ाया जाएगा।
Also Read: Chief Minister launched Assam Millet Mission