

देश की लाइफलाइन कही जाने वाली भारतीय रेल जल्द ही इतिहास रचने जा रही है। दरअसल, भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी ब्रिज का 84 फीसदी काम पूरा हो चुका है, जो कि मंडपम शहर को पंबन द्वीप और रामेश्वरम से जोड़ता है। पंबन ब्रिज (Pamban Bridge) देश में हाइटेक इंजीनियरिंग का एक नमूना है। पुराने पंबन पुल के पैरालल नए पुल को तैयार किया जा रहा है, जो 104 साल पुराना है।
जानें इसकी खासियत
इस पुल में 18.3 मीटर के 100 स्पैन और 63 मीटर के नेविगेशनल स्पैन होंगे। यह मौजूदा पुल से तीन मीटर ऊंचा होगा ताकि जहाज आसानी से गुजर सकें। पुराना पंबन पुल 24 फरवरी, 1914 को शुरू किया गया था। jis per 10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ही ट्रेनें चलाई जा रही हैं। जबकि नए ब्रिज से ट्रेनें 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकेंगी।
नए पुल की अनुमानित लागत
560 करोड़ रुपये है। जहाजों के क्रॉस-नेविगेशन के लिए इसमें वर्टिकल लिफ्ट स्पैन तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। पुल में 75 मीटर लंबी सेंट्रल स्पैन होगा जिससे जहाज पुल के नीचे से आसानी से गुजर सकेंगे। इस पुल में प्रत्येक
में 25 मीटर के 100 स्पैन होंगे। बंगाल की खड़ी मे बार बार आने वाले हाई टाईड्स को ध्यान मे रखते हुए पुल के स्तंभों ko स्टेनलेस स्टील सहित नवीनतम तकनीक se तैयार किया जा रहा है। इसमें ऐसी टेक्नोलॉजी लगी है जिससे इसमें यदि तेज रफ्तार से हवाएं चलेंगी तो ऑटोमेटिक तरीके से अलर्ट सिग्नल जारी हो जाएगा
न्यू पम्बन ब्रिज के बारे में जाने
• पुल की कुल लंबाई 2.078 किलोमीटर है और परियोजना की अनुमानित लागत 279.63 करोड़ रुपये है।
• जबकि वर्तमान पुल में ‘शेज़र’ रोलिंग लिफ्ट तकनीक है जिसमें पुल क्षैतिज रूप से खुलता है, जहाजों को गुजरने देने के लिए, नया पुल डेक के समानांतर शेष वर्टिकली ऊपर की ओर उठेगा। यह प्रत्येक छोर पर सेंसर का उपयोग करके किया जाएगा।
• नया पुल ट्रेनों को अधिक गति से संचालित करने, अधिक वजन उठाने और रामेश्वरम और धनुषकोडी मंदिरों में यातायात की मात्रा बढ़ाने में मदद करेगा।

