UPSC सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी काफी कठिन होती है। इस परीक्षा की तैयारी में उम्मीदवार कई साल लगा देते हैं। साथ ही परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग इंस्ट्टीयूट्स में अच्छी खासी रकम भी खर्च करनी पड़ जाती है। हालांकि, कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जिन्हें कोचिंग्स में महंगी-महंगी फीस नहीं खर्च करना पड़ता है। ये ऐसे काबिल लोग होते हैं जो सेल्फ स्टडी से अपना मुकाम हासिल कर लेते हैं। ऐसी ही एक शख्स हैं सदफ चौधरी। सदफ उन सभी के लिए एक प्रेरणा हैं जो सेल्फ स्टडी से इस परीक्षा को पास करना चाहते हैं। काफी दिलचस्प है सदफ सफर….
रूड़की से है सदफ का संबंध
सदफ चौधरी का संबंध उत्तराखंड के रूड़की से है। वे रूड़की के मोहितपुर गांव की रहने वाली हैं। सदफ की प्रारंभिक पढ़ाई यहीं से हुई है। बाद में उन्होंने बीटेक की डिग्री एनआईटी जालंधर से की।
सेल्फ स्टडी से पाया मुकाम
सदफ यूपीएससी सिविल सेवा अपना करियर बनाना चाहती थीं। इसलिए उन्होंने इसकी तैयारी शुरू कर दी। लेकिन खास बात यह है कि सदफ ने इस परीक्षा के लिए किसी तरह की कोई कोचिंग नहीं ली है। उन्होंने सेल्फ स्टडी से सिर्फ परीक्षा ही पास नहीं की बल्कि अच्छी रैंक भी हासिल की।
सदफ की स्ट्रैटजी
सदफ ने घर पर रहकर खुद से पढ़ने के लिए कई कड़े नियम बनाएं और उनका पालन भी किया। उन्होंने सबसे पहले परीक्षा की तैयारी के लिए बुक्स की लिस्ट तैयार की और एक टाइमटेबल में खुद को ढाला। सदफ ने अपने टाइमटेबल को कभी ब्रेक नहीं किया। वे सभी सब्जेक्ट की पढ़ाई समय सारिणी के अनुसार ही करती थीं। इसके अलावा, उन्होंने ज्यादा किताबें पढ़ने के बजाए सीमित बुक्स से सिलेबस पर पकड़ मजबूत की।
23वीं रैंक हासिल कर बन गईं आईएफएस
अपनी इसी रणनीति पर आगे बढ़ते हुए सदफ ने परीक्षा में 23वीं रैंक हासिल की। उन्होंने पहले यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की प्रारंभिक और फिर मेंस परीक्षा को पास किया। फिर आई इंटरव्यू की बारी, जिसमें भी वे सफल रहीं। 23वीं रैंक के साथ वे आईएफएस अधिकारी बन गईं।