BIMSTEC: इस बात में कोई दोराय नहीं है कि भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। शिक्षा, व्यापार, स्टार्टअप और दूसरे कई क्षेत्रों में भारत बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। एक तरफ जहां भारत जी-20 को सुचारु रूप से आगे बढ़ा रहा है वहीं दूसरी तरफ BEC की मेजबानी कर इस बात को साबित कर दिया है कि पूरी दुनिया भारत की तरफ बड़ी उम्मीद से देख रही है। दरअसल भारत ने बेंगलुरू में बिम्सटेक (BIMSTEC) एनर्जी सेंटर की पहली बैठक को होस्ट किया। इस बैठक में
बिम्सटेक (BIMSTEC) देशों ने भाग लिया।
बिम्सटेक (BIMSTEC) के बारे में…
बिम्सटेक (BIMSTEC) का पूरा नाम Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation यह एक regional multilateral organization है। जो बे ऑफ बंगाल यानी कि बंगाल की खाड़ी से लगे तटवर्ती इलाकों के देशों का एक समूह है। ये देश आपस में मिलकर एक-दूसरे का सहयोग करते हैं, साथ ही आपस में शांति और सौहार्द (cordiality) को बनाए रखते हैं।
बिम्सटेक (BIMSTEC) न सिर्फ दक्षिण और दक्षिण पूर्व-एशिया के बीच पुल का काम करता है बल्कि बल्कि हिमालय और बंगाल की खाड़ी की पारिस्थितिकी (Ecology) को भी जोड़ता है।
बिम्सटेक (BIMSTEC) इसके मुख्य उद्देश्य तीव्र आर्थिक विकास हेतु वातावरण बनाना, सामाजिक प्रगति में तेज़ी लाना और क्षेत्र में सामान्य हित के मामलों पर सहयोग को बढ़ावा देना भी है।
बिम्सटेक (BIMSTEC) देश आपस में मिलकर व्यापार और निवेश, व्यापार और संचार, ऊर्जा, पर्यटन, प्रौद्योगिकी, मत्स्य पालन, कृषि, सार्वजनिक स्वास्थ्य, गरीबी उन्मूलन, आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय अपराध, पर्यावरण और आपदा प्रबंधन, लोगों से लोगों के बीच संपर्क, सांस्कृतिक सहयोग और जलवायु परिवर्तन जैसे 14 मुद्दों पर काम करते हैं।
नेबरहुड फर्स्ट की पॉलिसी पर आगे बढ़ रहा है भारत
भारत हमेशा से एक शांतिप्रिय देश रहा है। यही वजह है कि भारत ने पड़ोसी देशों के साथ हमेशा ही सामंज्य बनाकर आगे बढ़ने पर विश्वास किया है। बिम्सटेक (BIMSTEC) देशों की इस बैठक में भारत “नेबरहुड फर्स्ट” और “एक्ट ईस्ट” नीतियों पर विस्तार से बातचीत की, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय एकता को बनाए रखना है।
भारत में बनेगा बिम्सटेक (BIMSTEC) एनर्जी सेंटर
बिम्सटेक एनर्जी सेंटर के स्थापना भारत में की जाएगी। BEC को केंद्रीय विद्युत अनुसंधान संस्थान (CPRI), बेंगलुरु के परिसर में रखा जाएगा। बैठक में ‘भारत गणराज्य की सरकार और बिम्सटेक सचिवालय के बीच मेजबान देश करार’ पर बातचीत करते हुए इसे अंतिम रूप दिया गया।