अक्सर कहा जाता है कि बच्चों से हमेशा एक सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। लेकिन आज के बिजी लाइफ स्टाइल के चलते माता-पिता बच्चों के साथ ज्यादा वक्त नहीं बिता पाते हैं। पर क्या आप जानते हैं कि कई वैज्ञानिक इस शोध में लगे हैं कि छोटे बच्चों से मिलने वाली सकारात्मक ऊर्जा कैसे बड़ों का दिन बना सकती है। यही नहीं इन मामलों के जानकारों का कहना है कि बच्चों के साथ समय बिताने से 2 काम एक साथ हो सकते हैं, जैसे गुड पैरेटिंग और दूसरा खुद को दुनियादारी से परे हील करना। इस लेख जरिए हम आपको बताएंगे कि कैसे स्मार्ट पैरेंटिंग कर आप अपने बच्चों की देखभाल कर उनके करीब जा सकते हैं…
बच्चों के साथ बच्चा होना अच्छा है
ज्यादातर पैरेंट्स आजकल वर्किंग हैं उन्हेंक अपने ही बच्चों के साथ अच्छां वक्ते गुजारने का टाइम नहीं मिल पाता है। लेकिन अगर आप यह तय कर लें कि ऑफिस से घर पहुंचने के बाद भले ही समय कितना भी कम क्यों न हो आप थोड़ा वक्त अपने बच्चे के लिए जरूर निकालेंगे। ये बहुत जरूरी है कि आप ऑफिस-घर को बैलेंस करें और बच्चों के साथ खेलने के लिए वक्तच निकालें। आपके पास जितना भी समय हो, बच्चे के साथ खेलें, कूदे, मस्ती करें उनके बचपने में शामिल हो जाएं। ये बच्चे के साथ आपके दिल का भी ख्याल रखेगी। जितना अधिक आप बच्चे के साथ समय गुजारेंगे, आपके प्रति उनके मन में उपजी झिझक खत्म होगी वहीं वे अपनी बातों को शेयर कर पाएंगे। इससे पैरेंटिंग स्ट्रेयस फ्री होगी।
हंसी मजाक भी जरूरी
बच्चे जैसे-जैसे बड़े होते जाते हैं उनके व्यवहार में थोड़ा झिझक और गंभीरता आना स्वाभाविक है। ऐसे में घर के तनाव को दूर करने के लिए बच्चों के साथ हंसी मजाक में शामिल हो जाएं। इससे रिश्तों में तनाव नहीं होगा और वे आपसे खुलकर बात कर सकेंगे।
उनकी बातों को समझने की कोशिश करें- माता-पिता और बच्चों के बीच कई बार असहमति वाली स्थिति भी बनती है। ऐसे में अगर आप अपनी इच्छाएं बच्चों पर न थोपें। अगर आप उनकी बातों को लेकर असहमत हैं तो तुरंत अपनी बात न रखें। बच्चों की बातों को सुनें और उन्हें समय दें कि वे अपनी बात आपको समझा सकें। हो सकता है थोड़ा सोचने पर आपको बच्चे की बात सही लगे। ऐसा करने से आपके और आपके बच्चे के बीच बॉन्ड तो मजबूत होगा ही, साथ ही आपका बच्चा आत्मविश्वासी भी बनेगा।
बच्चों से सीखें
जरूरी नहीं कि आप अभिभावक हैं तो हर बार आपसे बच्चा कुछ सीखेगा। कई बार ऐसा होता है कि छोटी उम्र की सीख भी बड़ों के काम आती है। इसके साथ ही अगर आपका बच्चा कुछ नया सीखा है तो बेहतर होगा कि आप भी उनसे कुछ सीखें। अगर आप उनसे सीखने की इच्छा रखेगंगे तो वे आत्म विश्वागस के साथ चीजों को आपको सिखाएंगे।