SPACE TECH: अंतरिक्ष में भारत के बढ़ रहे हैं कदम, अब स्टार्ट अप के लिए खोली गई लैब



भारत ने अहमदाबाद में एक अत्याधुनिक डिजाइन प्रयोगशाला का अनावरण किया है। जिसका उद्देश्य अंतरिक्ष के क्षेत्र के स्टार्ट-अप को तेजी देना है जिससे नए विचारों को कार्यान्वयन योग्य मॉडल में बदल कर उसे सक्षम बनाने की दिशा में काम किया जाएगा। दरअसल इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर (IN-SPACe) की स्पेस सिस्टम डिजाइन लैब का उद्घाटन इसी हफ्थे से शुरू हुआ था। इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने इस लैब का उद्घाटन अहमदाबाद के बोपल में किया।

अंतरिक्ष संबंधी इनोवेशन को मिलेगा प्लेटफॉर्म

इन-स्पेस (IN-SPACe) के अध्यक्ष पवन गोयनका ने बताया कि इन-स्पेस डिज़ाइन लैब में मिशन सिमुलेशन, मॉडलिंग, विज़ुअलाइजिंग, पेलोड और अंतरिक्ष यान, ग्राउंड स्टेशन और लॉन्च वाहन एवियोनिक्स के अनुकूलन के लिए हाई एंड एनालिसिस और सिमुलेशन सॉफ्टवेयर हैं। प्रयोगशाला संसाधन कम से कम पुनरावृत्तियों के साथ प्रोटोटाइप बनाने में काफी काम आएंगे। इससे टर्नअराउंड समय और स्टार्ट-अप के लिए रिसर्च और डेवलपमेंट लागत कम होगी।
सोमनाथ ने कहा कि इस सुविधा से गैर-सरकारी संस्थाओं (एनजीई) को अत्याधुनिक अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इसरो इस दिशा में एनजीई के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।

इन-स्पेस (IN-SPACe) की खासियत

इन-स्पेस के बारे में बयान जारी कर कहा गया कि लैब में 16 वर्कस्टेशन और हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग मल्टी-कोर (400 कोर तक) सर्वर वाले कंप्यूटिंग संसाधन है।

सॉफ्टवेयर संसाधनों में सिस्टम टूल किट, एडवांस डिजाइन सिस्टम, पाथवेव सिस्टम डिजाइन, हाई फ्रीक्वेंसी स्ट्रक्चर सिमुलेशन, 3डी सीएडी मच 3, सिमसेंटर 3डी स्पेस सिस्टम (थर्मल एंड कूलिंग), फाइनाइट एलीमेंट एनालिसिस स्ट्रक्चर (फीस्ट) और ऑप्टिकस्टूडियो (जेमैक्स) की सुविधा है।

अंतरिक्ष प्रणालियों के आरएफ, संरचनात्मक और थर्मल डिजाइन और विश्लेषण के लिए मिशन योजना में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।

इन-स्पेस सॉफ्टवेयर पैकेजों का उपयोग करने के लिए एनजीई को व्यावहारिक प्रशिक्षण देगी। अंतरिक्ष प्रणाली डिजाइन प्रयोगशाला में समय-समय पर प्रशिक्षण और कार्यशालाएं भी आयोजित होंगी। इससे पहले, इन-स्पेस ने प्रारंभिक चरण के अंतरिक्ष स्टार्ट-अप के लिए एक करोड़ रुपये की सीड फंड योजना की घोषणा भी की थी।इसमें स्टार्ट-अप शामिल हैं जो सेक्टर में अपस्ट्रीम या मिडस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम चुनौतियों का समाधान करने के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हैं।

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Dr. Kirti Sisodia

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