IAS Pradeep Singh: 23 की उम्र में 2 बार पास की UPSC, पिता ने बेटे की पढ़ाई के लिए बेच दिया था घर !

IAS Pradeep Singh Success Story: बिहार के गोपालगंज के रहने वाले प्रदीप सिंह की कहानी किसी के लिए भी प्रेरणा बन सकती है। प्रदीप ने 23 साल की उम्र में 2 बार यूपीएससी पास किया और आईएएस बन गए। आज सफलता की ऊंचाई पर खड़े प्रदीप का सफर काफी मुश्कलि भरा रहा। उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर ये साबित कर दिया कि मजबूत इरादों के पीछे कितनी ही मुश्किलें क्यों न आए वे एक दिन अपना परचम जरूर लहराती हैं। यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए आईएएस ऑफिसर प्रदीप सिंह के पिता को अपना घर बेचना पड़ा, यही नहीं उनकी मां को अपने गहने गिरवी रखने पड़े।

 

पिता करते थे पेट्रोल पंप पर काम

आईएएस प्रदीप के पिता ने अपने बेटे को इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए काफी संघर्ष किया। दरअसल प्रदीप के पिता पेट्रोल पंप में काम करते थे, उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वे बेटे को अच्छी कोचिंग दिला सके। लेकिन उन्होंने बेटे के सपने को पूरा करने के लिए अपना घर बेच दिया। बेटे की तैयारी के लिए पैसों की कमी हुई तो प्रदीप की मां ने अपने गहने गिरवी रखे लेकिन बेटे की पढ़ाई नहीं रुकने दी।
 

पहले प्रयास में बनें IRS, दोबारा कोशिश से बने IAS

घर की कठिन परिस्थितियों को देखते हुए प्रदीप ने पढ़ाई में जी जान लगा दी। प्रदीप ने पूरी लगन और मेहनत के साथ तैयारी की। नतीजा यह रहा है कि साल 2018 में प्रदीप ने पहली बार यूपीएससी की परीक्षा पास की उन्हें ऑल इंडिया रैंकिग में 93वीं स्थान मिला। उनकी नियुक्ति इंडियन रेवेन्यू सर्विस ( IRS) में की गई। हालांकि, प्रदीप को IAS ऑफिसर बनना था, इसलिए उन्होंने अपनी तैयारी जारी रखी। इसके बाद दूसरे ही साल उन्होंने ऑल इंडिया रैंकिंग में 26वां स्थान सेक्योर किया। वो IAS ऑफिसर बन गए।
 

क्या कहते हैं आईएएस प्रदीप

प्रदीप काफी लोगों की प्रेरणास्त्रोत हैं, वे कहते हैं कि इस एग्जाम को पास करने में पेशेंस और पर्सिवरेंस की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यह एक लंबी प्रक्रिया है जो सालों चल सकती है। इसके लिए सबसे जरूरी है हार नहीं मानना, हिम्मत नहीं हारना। एक बात जरूर याद रखें कि सच्ची और कड़ी मेहनत का फल हमेंशा मिलता है। दूसरी जरूरी बात ये है कि आप किसी भी क्षेत्र में कितने भी अच्छे हों पर सुधार की गुंजाइश हमेशा होती है। इसलिए देखें कि आप कहां अपने आप में सुधार कर सकते हैं, उसी हिसाब से काम करना बेहद जरूरी होता है। टारगेट्स केवल सेट ही न करें उन्हें अचीव करना भी जरूरी है। तीनों स्टेजेस की प्रिपरेशन इंटीग्रेटेड करें अलग-अलग करने से परेशानी हो सकती है। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश करें, सिलेबस पूरा कवर करें, कोई एरिया कमजोर न छोड़ें। हर दिन रिवीजन करें और पिछले साल के प्रश्न-पत्र जरूर देखते रहें। अपनी सेहत का ख्याल रखें। योगा और मेडिटेशन करते रहें, सफलता हर हाल में मिलेगी।
 
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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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