कभी रिक्शा चलाई तो कभी बेची सब्जियां, आज हैं कैब कंपनी के मालिक, जानें बिहार के लड़के की प्रेरणादायी कहानी

कितने ही ऐसे लोग होते हैं जो अपनी तकदीर खुद लिखते हैं, उन्हें पता होता है कि मेहनत कभी बेकार नहीं जाती है। ऐसी ही एक कहानी है बिहार के रहने वाले दिलखुश कुमार की, जिन्होंने मेहनत की ऐसी मिसाल पेश की है जो हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो वाकई में अपनी जिंदगी बदलना चाहता है। ये कहानी है बिहार के दिलखुश की, जिन्होंने आजीविका के लिए कभी सब्जी बेची तो कभी रिक्शा चलाया।


बिहार में rodbez को कैब वाली कंपनी के नाम से जानते हैं

दिलखुश आज 4000 कैब वाली rodbez कंपनी के मालिक हैं। भले ही आज वे सफल बिजनेसमैन हैं। लेकिन कभी जीवन चलाने के लिए उन्होंने रिक्शा चलाने से लेकर सब्जी बेचने तक के कई छोटे-छोटे काम किए। एक बार जब वह सिक्योरिटी गार्ड की जॉब का इंटरव्यू देने गए तो उन्हें बताया गया कि वह कम पढ़े है इसलिए उन्हें ये नौकरी नहीं मिलेगी। उनका बचपन भी काफी गरीबी में निकला, यही वजह है कि दिलखुश पढ़ाई नहीं कर सके।
 
दिलखुश बताते हैं कि उन्होंने बड़ी मुश्किल से 12वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी की। परिवार की आर्थिक हालात ठीक नहीं थे इसलिए आगे उन्होंने पढ़ाई की जगह काम करने को प्राथमिकता दी। उन्होंने अपने पिता से ही गाड़ी चलानी सीखी। उनके पिता ड्राइवर थे, उन्होंने ही दिलखुश को चार पहियों वाली गाड़ी चलानी सिखाई। इसके बाद रोडवेज नाम से दिलखुश कुमार ने सेकंड हैंड नैनो कार खरीदी और एक कार से ही गाड़ियों को किराए पर और कैब की तरह चलाना शुरू किया।
 

दिल्ली में काफी समय तक चलाया रिक्शा

दिल्ली में भी दिलखुश ने काफी समय तक रिक्शा भी चलाया है, लेकिन वह चाहते थे कि उनका परिवार उनकी तरह गरीबी दिन नहीं काटे। उनकी मेहनत से आज Rodbez काफी नाम कमा रही है। सस्ती और सुगम यात्रा के लिए सुरक्षित वनवे टैक्सी तलाशने वाली बिहार की सबसे बड़ी कंपनी में से एक है। अब बिहार के सभी गांव एवं शहरों से पटना या पटना से बिहार के हर गांव एवं शहर के लिए rodbez की सेवा आसानी से मिलती है।
 
रोडबेज की एयरपोर्ट स्पेशल कैब 100% On-time पिकअप की गारंटी भी दे रही है। दिलखुश जानते हैं कि सफर करने वाले की प्राथमिकता क्या है। यही वजह है कि वे सुगम और सस्ती कैब उपलब्ध करवाते हैं। उनके कार या टैक्सी का यह बिजनेस करोड़ों रुपए का हो चुका है। दिलखुश कुमार कहते हैं कि भले ही उन्होंने पढ़ाई पूरी नहीं की है लेकिन अब वे आईआईटी और आईआईएम विजिट करते हैं। लोगों को अपनी कहानी सुनाते हैं। प्रतिभाशाली छात्रों को वे अपनी कंपनी में नौकरी भी दे रहे हैं।
 
Avatar photo

Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

ALSO READ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *