

• जिंक-लीड-सिल्वर उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिंक की पहल
• तैनात की देश की पहली महिला माइन रेस्क्यू टीम
• हर स्थिति से लड़ने के लिए लिया है कठोर प्रशिक्षण
वैसे तो हर क्षेत्र में लड़कियां लड़कों के साथ कंधा से कंधा मिला रही हैं। बात ट्रेन चलाने की हो या फिर प्लेन उड़ान की। अंतरिक्ष की उड़ान हो या समंदर में गोते लगाना हर जगह महिलाएं अपना दमखम दिखा रही हैं, और ये खबर तो आपको वाकई गर्व से भर देंगी। दरअसल सबसे मुश्किल माने जाने वाली माइंस के क्षेत्र में भी बचाव अधिकारियों के रूप में महिलाओं की भर्ती की गई है। ये महिलाएं हर स्थिति से लड़ने के लिए विशेष रूप से तैयार की गई हैं।
क्या है पूरी खबर ?
प्राकृतिक संसाधन प्रमुख वेदांता समूह की जिंक-लीड-सिल्वर उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिंक ने एक खास पहल की है, जिसके तहत राजस्थान में खनन कार्यों में अत्यधिक सुरक्षा रखरखाव सुनिश्चित करने के लिए पहली बार महिलाओं की खनन टीम को प्रशिक्षण देकर तैनात किया गया है। हिंदुस्तान जिंक के सस्टेनेबिलिटी डेवलपमेंट गोल्स के अंतर्गत रेस्क्यू रूम रिफ्रेशर ट्रेनिंग (RRRT) की देखरेख और मार्गदर्शन में सात महिला अधिकारियों को राजसमंद जिले के राजपुरा दरीबा कॉम्प्लेक्स में प्रशिक्षण देकर चयनित किया गया है।
इस शानदार पहल से कार्यस्थल में होने वाली किसी भी प्रकार की हानि को रोकने और खनन कार्यों में जीरो हार्म सुनिश्चित करने के उद्धेश्य से इन महिलाओं को तैयार किया गया है। इसके लिए उन्हें विशेष रूप से तैयार किया गया है। कठोर चयन प्रशिक्षण पूरा करने के बाद ये सात महिलाएँ जिनमें सिंदेसर खुर्द खदान से चार, राजपुरा दरीबा कॉम्प्लेक्स से एक और जावर ग्रुप ऑफ माइंस से दो महाराष्ट्र में माइन रेस्क्यू स्टेशन, नागपुर में प्रारंभिक खदान बचाव प्रशिक्षण के लिए चयनित हुईं, जिन्हें 14 दिनों का कठिन प्रशिक्षण दिया गया। इन सभी 7 महिलाओं ने सफलता पूर्वक अपना प्रशिक्षण पूरा कर देश में माइन रेस्क्यू में पहली महिलाएं होने का गौरव हासिल किया है।
आग लगी हो या पत्थर गिर रहे हों, 90 मिनट में सुरक्षित निकाल लाती हैं ये लड़कियां
हिंदुस्तान जिंक का इन 7 अधिकारियों पर दृढ़ विश्वास है कि सभी कार्यस्थल पर किसी भी प्रकार की दुर्घटना को रोक सकती हैं, जो कि व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा उनके सभी व्यावसायिक निर्णयों को प्रभावित करती है और यह उनके दिन-प्रतिदिन के संचालन में गैर-परक्राम्य पहलुओं में शामिल है। प्रारंभिक परीक्षणों में इन सदस्यों को बुनियादी खदान आपातकालीन स्थिति में जानकारी जैसे सतह या भूमिगत खदान आपातकालीन परिदृश्यों, प्राथमिक चिकित्सा, अग्निशमन, का संपूर्ण प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण में तकनीशियन परीक्षण, सिद्धांत परीक्षा, स्व-बचावकर्ता, प्राथमिक चिकित्सा, अग्नि के प्रकार और इसकी बुझाने की विधि, खान गैसें और आपातकालीन प्रतिक्रिया जैसे महत्वपूर्ण बचाव पहलुओं को रखा गया था।
हिंदुस्तान जिंक की इस पहल से धातु और खनन क्षेत्र की वे महिलाएं प्रेरित होंगी जो भविष्य में इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देना चाहती हैं।

