• ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाती हैं हमारी परंपराएं और संस्कृति
• अकेले दुर्गा और गणेश पूजा पर ही चमक जाता है भारतीय बाजार
• अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र हैं भारतीय त्यौहार
भारतीय संस्कृति में हर छोटा-बड़ा त्यौहार सुख-समृद्धि और खुशियों से सीधा जुड़ा हुआ है। अगर देखा जाए तो दुनियाभर में सबसे ज्यादा फेस्टिवल भारत में ही मनाए जाते हैं। भारत के हर कोने में अपने-अपने कुछ रिचुअल्स हैं, भारतीय संस्कृति के अलग-अलग रंगों को देखने से देश-दुनिया से लोग आते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं हमारे त्यौहार इतने बड़े आकर्षण का केंद्र हैं कि ये हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूत करते हैं, जानते हैं कैसे…
बात करते हैं भारतीयों के सबसे बड़े सांस्कृतिक त्यौहार दुर्गा पूजा की तो 10 दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में ₹40000 करोड़ का बिजनेस होता है। वहीं गणेश चतुर्थी Festival के मौके पर भी ₹20,000 करोड़ से अधिक का बिजनेस होता किया जाता है. महाराष्ट्र और तेलंगाना में गणेश उत्सव बहुत धूमधाम से मनाया सेलीब्रेट किया जाता है।
करीब 20 हजार लोगों को मिलती है नौकरी
दुर्गा पूजा और गणेश चतुर्थी का त्यौहार बड़े स्तर पर भारत में मनाया जाता है। इस समय विदेशी पर्यटक भी भारत का रूख करते हैं। अकेले गणेस विसर्जन के दिन 1 दिन में ₹5000 करोड़ का बिजनेस भारत में जनरेट होता है। साल के 10 दिन के इस उत्सव से करीब 20,000 परिवारों को रोजगार मिलता है।
वहीं दुर्गा पूजा की बात करें तो इस त्यौहार के समय ₹40,000 करोड़ का बिजनेस किया जाता है, और यह सालाना 35 फीसदी की दर से तेजी से बढ़ रहा है। दुर्गा पूजा Festival मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, बिहार और उड़ीसा आदि में देखने लायक होता है।
दुर्गा पूजा के दौरान फूड और बेवरेजेस के कारोबार से ही करोड़ों रुपए का बिजनेस भारत में किया जाता है। भारत के इकोनोमिस्ट कहते हैं कि दुर्गा पूजा सोशल एक्टिविटी है और राज्य के ग्रॉस डॉमेस्टिक प्रोडक्ट पर कई तरह के प्रभाव डालता है।
दुर्गा पूजा की वजह से करीब 3,00,000 रोजगार के माध्यम तैयार होते हैं। भारत में मनाए जाने वाले त्योहारों में अलग सेक्टर और समुदाय के लोगों की भी बड़ी भागीदारी भी दिखाई देती है। बहुत से लोग पंडाल बनाने, मूर्ति बनाने, बिजली की व्यवस्था करने, सिक्योरिटी गार्ड, पुजारी, ढाकी, मजदूर और ट्रांसपोर्टेशन जैसे कामों से जुड़कर रोजगार पाते हैं।
यही ही फूड और कैटरिंग से जुड़े काम में भी हजारों लोगों को रोजगार मिल जाता है। भारत में Festival या त्योहारों के मौके पर लोग प्राथमिकता से खरीदारी करते हैं। इससे फैशन, टेक्सटाइल, फुटवियर, कॉस्मेटिक्स और रिटेल सेक्टर का व्यापार फलता-फूलता है।
त्योहारों के समय लिटरेचर पब्लिशिंग, टूर ट्रेवल, होटल, रेस्टोरेंट, फिल्म एंटरटेनमेंट का बिजनेस भी ग्रो करता है। यूनेस्को ने दुर्गा पूजा को एक कलेक्टर के रूप में मान्यता दी है। यूनेस्को के द्वारा कहा गया है कि दुर्गा पूजा सामाजिक एकता का शानदारा उदाहरण है और हर व्यक्ति की इसमें भागीदारी दिखाई देती है। पश्चिम बंगाल की जीडीपी में दुर्गा पूजा की हिस्सेदारी 2.5% से ज्यादा है।
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