- भारत में तेजी से बढ़े सुपर रिच पर्सन
- 250 करोड़ की संपत्ति वालों की संख्या 58%
- नाइट फ्रैंक की ‘द वेल्थ रिपोर्ट 2023’ में खुलासा
भारतीय इकोनॉमी के लिए अच्छी खबर है, जिसके अनुसार अरबपतियों के मामले में तीसरे बड़े देश भारत में अत्यधिक अमीर यानी सुपर रिच (यूएचएनआई) की संख्या तेजी से बढ़ रही है। प्रॉपर्टी कंसल्टेंट नाइट फ्रैंक की ‘द वेल्थ रिपोर्ट 2023’ में इसका खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, पांच साल में देश में 3 करोड़ डॉलर (247 करोड़ रुपए) से ज्यादा संपत्ति वाले लोगों की संख्या 58.4% बढ़कर 19,119 होने के आसार है। 2022 में यह 12,069 अल्ट्रा हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल में शामिल थे।
हाल ही में जारी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि 5 साल में 1 अरब डॉलर यानी 8,237 करोड़ रु से ज्यादा संपत्ति वाले बिलियनेयर्स 21% बढ़कर 195 हो सकते है। इससे 10 लाख डॉलर यानी 8.23 करोड़ रु से ज्यादा की संपत्ति वाले व्यक्तियों (एचएनआई) की संख्या 107% बढ़कर 16,57,272 तक पहुंच जायेगी।
तेज आर्थिक रफ्तार से भारतीय इकोनॉमी को फायदा
नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन शिशिर बैजल के एक मीडिया साक्षात्कार में यह कहा गया है कि हाल के वर्षों में भारत तेज आर्थिक रफ्तार की तरफ बढ़ी है। इसके साथ ही नई संपत्ति बनाने वाले वैश्विक स्टार्टअप हब के तौर पर भी भारत मजबूत स्थिति में पहुंची।
भारत के पास अभी न सिर्फ ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनने, बल्कि इन्फ्रास्ट्रक्चर और टेक्नोलॉजी जैसे दूसरे क्षेत्रों में भी तेज ग्रोथ के अवसर हैं। यही वजह है कि यहां अमीरों की संख्या में तेजी से बढ़ रही है।
नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट ये भी कहती है कि, भारत के सबसे धनवान 1% लोगों की लिस्ट में शामिल होने के लिए कम से कम 1.44 करोड़ रुपए की संपत्ति लोगों के पास होनी चाहिए। इस मामले में दक्षिण अफ्रीका, फिलीपींस और केन्या की स्थिति भारत से अच्छी दिखाई देती है।
25 देशों की इस लिस्ट में भारत का नंबर 22वां है। मोनाको इस लिस्ट में पहले नंबर पर है। जहां टॉप 1% अमीरों में शामिल होने के लिए 102 करोड़ रुपए की संपत्ति को मानक माना गया है, वहीं स्विटजरलैंड दूसरे स्थान पर काबिज़ है। इस लिस्ट में शामिल होने के लिए 54.4 करोड़ रुपए संपत्ति होनी चाहिए।